चंदौली/ब्यूरो
आंगनबाड़ी केंद्रों से अब पंजीरी का वितरण नहीं होगा। इसके स्थान पर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सूखा दूध व राशन का वितरण करेंगी। सरकार ने जनपदों में पुष्टाहार कारखाना लगाने की भी तैयारी शुरू कर दी है। ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाएं पुष्टाहार बनाएंगी। हालांकि प्रक्रिया के पूर्ण होने में दो साल का समय लगेगा। ऐसे में सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों से पंजीरी का वितरण बंद करने और समूह की महिलाओं के जरिए कुपोषित बच्चों में सूखा दूध व राशन बंटवाने का निर्णय लिया है। नई प्रणाली से पारदर्शिता आएगी। आंगनबाड़ी केंद्रों से बच्चों व गर्भवती महिलाओं में पंजीरी का वितरण किया जाता है। इसमें अक्सर अनियमितता की शिकायतें मिलती रहती हैं। ऐसे में शासन ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के जरिए सूखा दूध व राशन का वितरण कराने का निर्देश दिया है। शासन के फरमान के बाद विभाग हरकत में आ गया। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को चिन्हित किया गया है। उन्हें प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। खाद्य निगम व शासन से नामित संस्थाएं समूह की महिलाओं को दूध व राशन मुहैया कराएंगी। महिलाएं कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों के परिवारों को चिह्नित कर दूध व राशन का वितरण करेंगी। इसके बदले उन्हें मानदेय मिलेगा।
तीन ब्लाकों में खुलेगा पुष्टाहार कारखाना
जिले के धानापुर, चहनियां व शहाबगंज ब्लाक में पुष्टाहार कारखाना खोलने की तैयारी है। इसके लिए विभाग ने जमीन चिह्नित कर ली है। शासन स्तर के अधिकारी जमीन का अवलोकन भी कर चुके हैं। बजट आवंटित होने के बाद कारखाना निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। यहां दर्जनों की संख्या में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार मिलेगा। महिलाओं की ओर से तैयार पुष्टाहार को महिला व बाल विकास विभाग खरीदेगा। इसके बाद महिलाओं, किशोरियों व बच्चों में वितरित करेगा।
क्या बोले जिम्मेदार-
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सूखा दूध व राशन वितरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शासन के निर्देश के बाद महिलाओं को चिह्नित किया गया है। उन्हें प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके बदले महिलाओं को कमीशन व लाभांश में हिस्सा मिलेगा।-एमपी चौबे,उपायुक्त स्वत:रोजगार