फतेहपुर/संवाददाता,/
शातिर तस्कर भाइयों को मात देकर आजकल नम्बर एक गाँजा तस्कर बना है भाई जान। इसके लिए इसने एक चर्चित गैंगस्टर गाँजा माफिया को खाकी से साठगांठ कर जेल भेजवा दिया था, और उसके साम्राज्य पर भी कब्जा कर लिया था। तब से भाईजान को चुनौती देने का साहस जनपद में कोई नही कर पा रहा है। हाथ की सफाई यानि की पॉकेट मारी से अपराध की दुनिया मे कदम रखने वाले इस भाई जान नाम से चर्चित शख्स ने दोआबा के शहर क्षेत्र स्थित पीरनपुर की एक चर्चित सकरी गली को अवैद्ध मादक पदार्थ गाँजा तस्करी का केंद्र बना रखा है। वैसे तो मादक पदार्थो की तस्करी व बिक्री का हब बने दोआबा में कई गैंग सक्रिय है, पर शहर में नशे का बाजार तैयार करने में भाई जान ही नाम चर्चित है। इसके तार अंतरराज्यीय तस्करों से जुड़े है। इसकी पहली पत्नी का एकलौता बेटा गैरप्रांत से गांजा लाने का काम करता रहा है और भाई जान कभी थोक तो कभी गरीब युवक युवतियों के माध्यम से शहर में घुमा-घुमा कर गांजा बिक्री कराता है। हालांकि भाई जान का बेटा एक बार साथियों के साथ गांजे की खेप लाते समय बिहार बॉर्डर में पकड़ा गया था। तब से इसने बेटे को पर्दे के पीछे से काम करने की हिदायत दे रखी है और अपने दामाद जो कि पीरनपुर में ही रहता है को अवैद्ध काम गांजा तस्करी की कमान थमा दी है, और यही दामाद आज उम्र ढलते इस माफिया का दाहिना हाथ बना हुआ है। वहीं लोगों को सट्टा पर दांव लगवा कर लखपति बनाने के सपने दिखाने वाला इसका भाई आज खुद भी गाँजा बिक्री पर हाथ आजमा रहा है। पुलिस के शिकंजा कसने से सट्टा का कारोबार बंद होने के बाद माफिया का भाई भी भाईजान की शरण लिए हुए है। शहर के पीरनपुर का रहने वाला माफिया भाई जान ने आधी उम्र गांजे के कारोबार में गुजार दी है। इसने रसूक और खाकी से गहरी यारी के कारण अवैध कारोबार की बढ़ोत्तरी दिन दूनी रात चौगुनी कर ली है। नतीजन इसके कारोबार का नेटवर्क भी बड़ा और मजबूत हो गया है। ये फिलहाल लगभग एक दर्जन लोगों से अवैद्ध कारोबार को अंजाम दिला रहा है। सूत्र बताते है कि ये गरीब युवक युवतियों से पीरनपुर, अरबपुर, बाल्मिकी बस्ती समेत कई मोहल्लों में घूमा-घूमा कर गांजा बिक्री कराता है। एक दो बार शातिर खाकी की गिरफ्त में पहले आया भी है, लेकिन जल्द ही सेटिंग सिस्टम के माहिर खिलाड़ी भाईजान को अभयदान मिल गया और वो दिनरात अपने अवैद्ध कारोबार में तरक्की कर रहा है।
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September 25, 2023