चाचा के मकान की नोटरी करवा दूसरे व्यक्ति को किया बैनामा

फतेहपुर, संवाददाता।
सीएम के लाख प्रयासों के बावजूद भी जालसाजी के मामले रूकने का काम नहीं ले रहे हैं। एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया जिसमें चाचा के मकान की नोटरी करवाकर भतीजे ने किसी अन्य व्यक्ति को मकान का बैनामा कर दिया। तयशुदा कीमत न मिलने पर पीड़ित चाचा ने थाने में शिकायती पत्र देकर मुकदमा पंजीकृत करवाया। पुलिस ने मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज कर इतिश्री कर ली। जिस पर पीड़ित चाचा ने चैकी इंचार्ज पर आरोपी से मिले होने का आरोप लगाते हुए डीजीपी समेत एसपी को शिकायती पत्र सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर उसका मकान वापस दिलाकर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की गुहार लगाई है। ललौली थाना क्षेत्र के बहुआ कस्बा के कृष्णा नगर पश्चिम निवासी राजबहादुर खां पुत्र स्व. लाल खां ने पुलिस महानिदेशक व पुलिस अधीक्षक को जरिए डाक भेजे गए शिकायती पत्र में बताया कि उसके मकान को उसके भतीजे इमरान खां पुत्र जंग बहादुर खां निवासी कृष्णा नगर पश्चिम बहुआ ने साजिश व षड़यंत्र के तहत छल कपट करके शेष रूपए का भुगतान किए हुए बेंच दिया। जब रूपयों की मांग किया तो गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी दिया। जिसके संबंध में ललौली थाने पर मु.अ.सं. 113/2024 धारा 504, 506 आईपीसी दर्ज कराया। जिसकी विवेचना चल रही है। विवेचना के दौरान विवेचक ने धाराओं में बढ़ोत्तरी करके धारा 504, 506, 417, 418 आईपीसी का अपराध होना पाया। उसके मकान में पुलिस की देखरेख में ताला लगा हुआ है। पीड़ित ने आरोप लगाया कि बहुआ चैकी इंचार्ज सुमित तिवारी अभियुक्त इमरान से भारी भरकम धनराशि लेकर जबरन विवेचक कृष्णकांत राय पर दबाव डालकर ताला खुलवाने में लगे हुए हैं। उसको धमकी देकर चैकी इंचार्ज परेशान कर रहे हैं, जबकि मुकदमा विवेचक निष्पक्ष ढंग से विवेचना करके इंसाफ दिलाने के प्रयास में लगे हैं। पीड़ित ने बताया कि वह वृद्ध है और दिल का मरीज भी है। मुकदमा विवेचक द्वारा मुकदमें में कार्यवाही की जा रही है या तो अभियुक्त इमरान खान से उसका शेष रूपया दिला दिया जाए या जो धनराशि अभियुक्त इमरान ने उसको दी है उस धनराशि को वापस कराकर मकान दिला दिया जाए। पीड़ित राजबहादुर खां ने डीजीपी व एसपी से गुहार लगाई कि बहुआ चैकी इंचार्ज सुमित तिवारी के विरूद्ध विधि सम्मत तरीके से कार्रवाई करते हुए मुकदमा विवेचक कृष्णकांत राय को निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई किए जाने का आदेश किया जाए। जिससे उसे न्याय मिल सके।