फतेहपुर संवाददाता।
जिला अस्पताल में मोटरसाइकिल पार्किंग स्टैंड पर निर्धारित शुल्क से अधिक लिया जा रहा है, बताया जा रहा है कि लगभग डेढ़ वर्ष से अधिक समय से संचालित स्टैंड में ठेकेदार के कर्मियों द्वारा 5 रुपये की जगह 10 रुपये लिए जा रहे है,जो निर्धारित शुल्क से दोगुना है। बड़ी बात ये है कि जहाँ स्टैंड ठेकेदार मरीजों व तीमारदारों के जेब से अनावश्यक तरीके से अधिक रुपये निकलवा कर ले रहा है, फिर भी जिम्मेदार लगभग डेढ़ साल से अनजान है। बता दें कि मेडिकल कॉलेज समेत जिला अस्पताल के वाहन स्टैंड की नीलामी नवंबर 2022 में कराई गई थी। दिसंबर 2022 से नवंबर 2024 तक दो वर्ष की अवधि के लिए इसका टेंडर दिया गया। जारी निविदा के मुताबिक स्टैंड में साइकिल का 2 रुपये और दो पहिया वाहनों का 5 रुपये टिकट है। कार के लिए 20 रुपये निर्धारित हैं। फिर भी जिला अस्पताल स्थित स्टैंड पार्किंग में वाहनों का किराया निर्धारित रेट से ज्यादा लिया जा रहा है, और पार्किंग भी सही से न करा कर जहाँ मन किया वहाँ कराई जा रही है। इसके लिए ठेकेदार के कर्मियों द्वारा मरीजों व तीमारदारों से अभद्रता करने की शिकायतें भी अक्सर मिलती रहती है। जिला अस्पताल परिसर में संचालित स्टैंड के बारे में मरीजों व तीमारदारों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज समेत जिला अस्पताल के वाहन स्टैंड की नीलामी में निर्धारित की गई पार्किंग फीस को पार्किंग संचालक नकारने पर तुला हुआ हैं, और खुद को मेडिकल कालेज के प्राचार्य द्वारा निर्धारित की गई शर्तों से ऊपर मान रहा है। जबकि अमर शहीद जोधा सिंह अटैया ठाकुर दरियाव सिंह मेडिकल कॉलेज, फतेहपुर के प्राचार्य डॉ. आर पी सिंह लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं की वृद्वि के लिए प्रयासरत हैं। बताते हैं जिला अस्पताल में निविदा में निर्धारित शुल्क से स्टैंड पार्किंग संचालक द्वारा अधिक शुल्क वसुलवाया जा रहा है। स्टैंड ठेकेदार के कर्मियों द्वारा एक बाइक को 8 घंटे खड़ी करने का 10 रुपये चार्ज लिया जा रहा है। वहीं सूत्र बताते हैं कि साइकिल को 8 घंटे खड़ा करने का 5 रुपये लिया जा रहा है। जबकि निविदा के नियमानुसार 8 घंटे बाइक खड़ा करने के 5 रुपये व साइकिल को 8 घंटे खड़ा करने पर 2 रुपये चार्ज निर्धारित है। 8 घंटे बाद पुनः शुल्क लेने का प्रावधान है। ठेकेदार के कर्मी 8 घंटे से अधिक वाहन खड़ा करने पर पुनः शुल्क लेने की शर्त तो बखूबी निभा रहे हैं पर निर्धारित शुल्क न लेकर अधिक शुल्क ले रहे हैं और निविदा में निर्धारित शर्तों का उलंघन कर रहे हैं। जबकि ठेकेदार के स्टैंड कर्मियों साइकिल वालों से 5 और बाइक सवारों से 10 रुपये वसूले जा रहे हैं। वहीं मेडिकल कालेज के जिम्मेदारों द्वारा इस सम्बंध में पूंछे जाने पर मामले को दिखवाया जाएगा कह कर पल्ला झाड़ लिया जाता है और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन दिया जाता है।