नरौरा डैम से छोड़े जा रहे पानी से गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से पार

हुसैनगंज फतेहपुर संवाददाता।
-भिटौरा केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक खतरे के निशान से 36 सेंटीमीटर यानी 3 फुट ऊपर पहुंचा पानी।
-गंगा नदी के किनारे बसे गांव के किसानों की हजारों बीघा फसल हुई जलमग्न।
-रविवार शाम 4:00 बजे भिटौरा में गंगा का जलस्तर 101.210 मी० पहुंचा।

लगभग 5 दिनों से गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से नदी के किनारे बसे गांव के किसानों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। आपको बताते चलें कि गत पांच दिनों से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं, नदी के किनारे बसे गांव के किसानों की कटरी में बोई गई फैसले जलमग्न हो गई हैं। किसी तरह से किसान सूद ब्याज का पैसा लेकर फसले बोई थी, जो अब पानी में पूरी तरह से डूब कर बर्बाद हो गई है। मालूम हो कि बुलंदशहर के नरौरा बांध के ओवरफ्लो हो जाने के कारण लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे नदी के किनारे बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। केंद्रीय जल आयोग भिटौरा के साइड इंचार्ज महंत राम के मुताबिक आज रविवार देर शाम 4:00 बजे गंगा का जलस्तर 101.210 मीटर तक पहुंच गया। जो खतरे के निशान से 36 सेंटीमीटर यानी 3 फीट ऊपर पानी बह रहा है। जबकि डेंजर लेवल 100.860 मीटर पर है। लगातार नदी में पानी बढ़ने से किसानों की बोई गई फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है। नदी के किनारे कटरी में खेतों के ऊपर अब नाव चल रही है। नदी किनारे बसे गांव महेवा,लोधौरा, सिहार, रामपुर, रामशाला, गढ़ी फिरोजपुर कटरी, सेनपुर कटरी मातिनपुर सहित कई गांव के किसानों की हजारों बीघा फसल जलमग्न होकर खराब हो गई, महेवा गांव के दिनेश, गोरेलाल, बिट्टन, रामलाल, तेज सिंह आदि ने बताया कि हम लोगों ने सूद ब्याज की रकम लाकर फसले बोई थी लेकिन अब पानी बढ़ने से शकरकंद, धान, तिल्ली, परवल आदि की फसल बोई थी लेकिन अब पानी में डूब कर खराब हो गई। क्षेत्र के किसानों ने बर्बाद हुई फसल का सरकार से मुआवजा की मांग की है।