खागा/फतेहपुर नि.सं.
भीषण गर्मी में दूध की डिमांड पूरी करने के लिए दूध उत्पादक बड़ी मात्रा में सिंथेटिक दूध भी बना रहे हैं। साथ ही दुधारू पशुओं में दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए सालों पूर्व प्रतिबंधित किए गए आक्सीटोसीन इंजेक्शन का धड़ल्ले से प्रयोग कर रहे हैं। इससे जहां पशुओं की सेहत बिगड़ रही है वहीं कृत्रिम व दूषित दूध मानव स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक साबित हो रहा है। गर्मी के मौसम में दुधारू पशुओं में दूध की मात्रा कम हो रही है लेकिन दूध की मांग को पूरा करने और मोटी रकम कमाने की लालच में पशु पालक पशुओं की सेहत से खिलवाड़ कर उन्हें आक्सीटोसीन इंजेक्शन लगाकर जबरन दूध निकाल रहे हैं। इतना ही नही दूध उत्पादक बड़ी मात्रा में सिंथेटिक दूध भी तैयार कर रहे हैं, जिसमें घातक केमिकल्स यूरिया, खाद तक का प्रयोग किया जा रहा है। इन सबके बावजूद स्वास्थ्य विभाग इस ओर से अपनी आंखे मूंदे हुए हैं। चिकित्सकों की माने तो आॅक्सीटोसीन इंजेक्शन से पशुओं में तरह-तरह की बीमारी उत्पन्न होती है। साथ ही यह दूषित दूध मनुष्य की सेहत के लिए भी अच्छा नहीं है। केमिकल्स युक्त कृत्रिम दूध की खुलेआम बिक्री करना मानव स्वास्थ्य के साथ खुल्लम-खुल्ला खिलवाड़ है।
क्या बोले चिकित्सक खागा
चिकित्सक डा. यूवी कुशवाहा का कहना है कि सिंथेटिक व दूषित दूध का मानव स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। लीवर व किडनी फेल होने जैसी जानलेवा बीमारियां भी केमिकल मिले दूध के कारण बढ़ जाती हैं।
जल्द चलाया जायेगा अभियान- एसडीएम खागा
नगर में खुलेआम बिक रहे सिंथेटिक दूध को लेकर उप जिलाधिकारी प्रहलाद सिंह ने कहा कि सिंथेटिक दूध बनाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। नगर में इसकी बिक्री किसी भी सूरत में नहीं होने दी जायेगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम को साथ लेकर जल्द ही अभियान चलाया जाएगा।
Related Stories
December 6, 2023