फतेहपुर नि.सं.
सरकारी अस्पतालों में दस दिनों से एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं हैं। अकेले सदर अस्पताल में यह सुविधा फिलहाल उपलब्ध है। इस कारण यहां पर आम दिनों की अपेक्षा चार गुना एंटी रैबीज इंजेक्शन लग रहे हैं। हालात इस कदर खराब हैं कि डिस्ट्रिक्ट ड्रग वेयर हाउस का स्टॉक खत्म होने को है। ऐसे में उसे रोक कर रखा गया है क्योंकि इससे अधिकतम 125 डोज ही दिए जा सकते हैं। इधर मांग के बावजूद पीएचसी व सीएचसी को इंजेक्शन उपलब्ध नहीं पाए हैं। सदर अस्पताल में मौजूदा समय में छह से सात सौ के बीच ओपीडी हो रही है। जिले के सबसे बड़े अस्पताल की ओपीडी में हफ्ते भर से जिले भर से एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने को जरूरतमंद पहुंच रहे हैं। सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ओपीडी में अचानक भीड़ बढ़ने से दवा कक्ष में अफरा तफरी का माहौल बना रहता है। फार्मासिस्ट हुबराज का कहना है कि आम दिनों में 40 से 50 के बीच एंटी रैबीज इंजेक्शन लगते हैं। यह संख्या अब बढ़कर 200 का पार कर रही है। ऐसे में कभी भी एंटी रैबीज इंजेक्शन का स्टॉक खत्म हो सकता है। सदर अस्पताल के इंजेक्शन कक्ष में भीड़ काफी बढ़ती जा रही है। मौजूदा वक्त दो सौ के आसपास इस इंजेक्शन की डोज दी जा रही है। मंगलवार को यहां भीड़ धक्कामुक्की में तब्दील नजर आई। लोग कमरे के अंदर दाखिल होने के लिए एक-दूसरे से इस कदर सट कर खड़े थे मानो उन्हें कोरोना का तनिक भी भय नही। सामाजिक दूरी को तार तार करती इस कक्ष की लाइन में लगे ज्यादातर बिना मॉस्क लगाए खतरे को बुलावा देते नजर आए।
29 लाख की आबादी वाले जिले में एंटी रैबीज इंजेक्शन की खपत काफी है। हर महीने एक हजार वॉयल की दरकार होती है। मौजूदा समय में पीएचसी व सीएचसी को देने के लिए प्रत्येक महीने एक हजार वॉयल की जरूरत है। डिस्ट्रिक्ट ड्रग वेयर हाउस के चीफ फार्मासिस्ट श्रीराम उमराव का कहना है इस वक्त महज 25 वॉयल की उपलब्धता है। चूंकि एक वॉयल पर पांच डोज होती है। इस लिहाज से मौजूदा स्टॉक से सिर्फ 125 डोज ही दी जा सकती हैं।
-एंटी रैबीज इंजेक्शन का स्टॉक खत्म होने पर डिमांड भेजी गई है। कोरोना संक्रमण की वजह से दवा का स्टॉक गड़बड़ाया है। इस इंजेक्शन की उपलब्धता कभी भी हो सकती है।-डॉ. सूर्य प्रकाश अग्रवाल,सीएमओ
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December 6, 2023