फतेहपुर/नि.सं.
-घर बैठकर वेतन लेते हैं हिम्मत खेड़ा गांव के प्राइमरी विद्यालय का स्टाफ
-स्वतंत्रता दिवस के दिन भी नहीं उपस्थिति हुई प्रधाना अध्यापिका व सहायक अध्यापिका
-ग्रामीणों की जानकारी के अनुसार 2 महीने से नहीं आ रही प्रधानाध्यापिका
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां एक और अपना एक बड़ा बयान जारी करते हुए कहा था कि कोरोनावायरस जैसी बीमारी ने भारत देश समेत उत्तर प्रदेश को भी अपनी चपेट में ले लिया है वही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फरमान पर भारत देश में 22 मार्च को लॉकडाउन पूर्णता लगाया गया था सभी लोग घर में रहेंगे और लॉकडाउन का पालन करेंगे परंतु उन्होंने यह भी दिशा निर्देश देते हुए कहा था कि प्राइमरी विद्यालय के बच्चे विद्यालय ना जाकर घरों में पढ़ाई करने का काम करेंगे और विद्यालय का समस्त स्टाफ प्रतिदिन विद्यालय जाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कर विद्यालय के बच्चों को ऑनलाइन के माध्यम से पढ़ाई पढ़ाने का कार्य करेंगे उनके इस बड़े बयान का असर भले ही अन्य जनपदों में हो रहा हूं किंतु जनपद फतेहपुर के मलवा ब्लाक में हिम्मत खेड़ा गांव के प्राइमरी विद्यालय का हाल तो जनपद के अन्य विद्यालयों से बद से बदतर बना हुआ है जी हां हम आपको बताते हैं कि मलवा ब्लाक के हिम्मत खेड़ा गांव में प्राइमरी विद्यालय में तैनात प्रधाना अध्यापिका आशा देवी पिछले 2 महीनों से विद्यालय नहीं आ रही है अब जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक ही विद्यालय में नहीं आएंगे तो फिर अन्य स्टाफ तो अपनी मनमानी करेगा ही मलवा ब्लाक के हिम्मत खेड़ा गांव में प्राइमरी विद्यालय में 4 अध्यापकों का स्टाफ है जिसमें प्रधानाध्यापिका के पद पर आशा देवी सहायक अध्यापिका के पद पर मनु शिक्षा मित्र के पद पर वंदना तथा शिक्षा मित्र के पद पर अशोक तैनात हैं ग्रामीणों की सूचना पर आज जब मीडिया के कुछ कर्मियों ने कवरेज करने मलवा ब्लाक के हिम्मत खेड़ा गांव पहुंचे तो वहां का आलम कुछ और ही था विद्यालय के गेट का ताला खुला हुआ था और विद्यालय से स्टाफ नदारद था आस पड़ोस के ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर बताया कि इस विद्यालय में पिछले 2 महीने से विद्यालय का स्टाफ विद्यालय खोलने आता ही नहीं पड़ोस के गांव में रहने वाले शिक्षा मित्र अशोक के पास पूरे विद्यालय की चाबी रहती है परंतु वह भी विद्यालय नहीं आते हां स्वतंत्रता दिवस के दिन अकेले शिक्षा मित्र अशोक ने लोगों को दिखाने के लिए राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण किया यानी झंडा फहराया गया परंतु विद्यालय की जिम्मेदार प्रधानाध्यापिका होने के नाते क्या उनका यह दायित्व नहीं बनता कि देश हित के लिए और राष्ट्रीय ध्वज के लिए स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर क्या विद्यालय प्रांगण में उनकी उपस्थिति अनिवार्य होना सुनिश्चित नहीं थी या फिर यह भी कह सकते हैं की प्रधानाध्यापिका ने विद्यालय में जाना उचित नहीं समझा हालांकि जब संवाददाता ने शिक्षा मित्र अशोक से प्रधानअध्यापिका का संपर्क सूत्र नंबर लिया और प्रधानाध्यापिका से संपर्क करना चाहा तो प्रधानअध्यापिका ने संवाददाता के ऊपर दबाव बनाते हुए कई गोल मटोल बातें कहीं और संवाददाता के ऊपर दबाव बनाने का भरपूर प्रयास किया वहीं उन्होंने बताया कि विद्यालय में उनकी सहायक अध्यापिका मनु उपस्थित हो रही होंगी उस समय 12:30 बज रहे थे और विद्यालय आने के बाद उन्होंने तरह-तरह की बातें बताएं लेकिन ग्रामीणों ने उनकी बातों को मानने से इंकार कर दिया और सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होकर ग्रामीणों ने विद्यालय के समस्त स्टाफ का विरोध करते हुए बताया कि उनके बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है जब विद्यालय में तीन महीने से प्रधानाध्यापिका सहायक अध्यापिका तथा शिक्षा मित्र वंदना गायब रहेंगे तो फिर बच्चों को शिक्षा कैसे प्राप्त होगी जब संवाददाता ने उनसे दूरभाष के माध्यम से वार्ता की तो उन्होंने अपने शिक्षा मित्र अशोक को भेजकर मीडिया मैनेज करने की बात कही और उन्होंने अपने पति जो वर्तमान समय में नरवल में अध्यापक पद पर पोस्टिंग है उन्हें लेकर 1:00 बजे विद्यालय में उपस्थित होने के चंद मिनटों बाद सहायक अध्यापक भी उसी विद्यालय में उपस्थित हो गई यह मानो जैसे जमीन से निकली हुई क्योंकि जो शख्स पिछले 2 महीने से विद्यालय न जा रहा हो जहां तक की स्वतंत्रता दिवस के दिन भी मात्र शिक्षा मित्र से ध्वजारोहण करवाया गया है, वह शख्स अपनी जिम्मेदारी कितनी बखूबी निभाता होगा इस बात का जीता जागता उदाहरण गांव के सैकड़ों लोग हैं वही प्रधानअध्यापिका ने मीडिया से अलग हट कर बात करने की बात कही और उन्हें पैसों में खरीदने का भरपूर प्रयास किया हालांकि अध्यापिका ने तो हद ही पार कर दी जब अपने पर्स से पैसों की नोट निकालकर मीडिया कर्मी के हाथ में देने लगी और मीडिया कर्मी को खरीदने का भरपूर प्रयास किया परंतु संवाददाता ने मना कर दिया और जब सहायक अध्यापिका से उनके करतूतों की वर्जन लेना चाहा तो अध्यापिका आग बबूला हो गई क्योंकि उनके मन मुताबिक संवाददाता ने काम नहीं किया शायद उनके दिए हुए पैसों को संवाददाता ने स्वीकार नहीं किया यही कारण था कि वह वर्जन देने से मना कर दिया और कई घंटों तक यह मामला चला हालांकि संवाददाता ने शिक्षा मित्र को प्रधानअध्यापिका से फोन पर मीडिया मैनेज करने की बात को अपने कैमरे में कैद किया हद तो तब हो गई जब सहायक अध्यापिका ने पैसे निकालकर संवाददाता के हाथ में देना चाहा और वही खड़े गांव के युवक ने बता दिया कि संवाददाता का कैमरा ऑन है और आप पैसे देते हुए कैमरे में कैद हो रही हैं इतना सुनते ही समस्त स्टाफ आग बबूला हो गया और संवाददाताओं को फंसाने की धमकी देने लगी अब ऐसी स्थिति में जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कड़ा निर्देश है कि विद्यालय में समस्त स्टाफ समय से विद्यालय में उपस्थित होगा तो फिर ऐसे विद्यालय के स्टाफ के ऊपर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यवाही करने में क्यों मजबूर हो जाते हैं या फिर उनके पास भी धन का चढ़ावा चढ़ाने वाले लोग पहुंचते हैं जिससे उनकी रहमते ऐसे प्रधानाध्यापिका सहायक अध्यापक तथा शिक्षामित्र के ऊपर रहमो करम बने रहते हैं बहरहाल कुछ भी हो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों की जमकर उड़ाए जा रहे हैं मलवा ब्लाक के हिम्मत खेड़ा गांव के प्राइमरी विद्यालय में उड़ाई जाती है धज्जियां क्या ऐसे विद्यालय चलाने वाले स्टाफ के ऊपर जनपद के जिला अधिकारी की नजर नहीं पड़ती या फिर जानबूझकर देख कर भी अनदेखा किया जाता है |
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December 6, 2023