कानपुर/संवाद सूत्र
औरैया/तिवारीपुरवा गांव निवासी घर के इकलौते चिराग व उसकी दादी की ट्रेन की चपेट में आ जाने से मौत हो गई। 45 वर्षीय महिला अपने तीन वर्षीय पौत्र को बुखार आ जाने पर पड़ोस के गांव में डॉक्टर से दवा दिलाने जा रही थी। अचानक रेलवे की फ्रंट कारी डोर रेलवे लाइन पर मालगाड़ी आ जाने से उसकी चपेट में आ जाने से दोनों की मौके पर मौत हो गई। आसपास खेतों में काम कर रहे लोगों ने जैसे ही हादसा होते देखा दौड़कर लाइन किनारे पहुंच गए और उनके स्वजन को सूचना दी। सोमवार को तिवारी पुरवा गांव निवासी 45 वर्षीय उर्मिला देवी पत्नी पीतम अपने तीन वर्षीय पौत्र सौरव कुमार पुत्र दीपचंद को बुखार आ जाने पड़ोस के गांव में डॉक्टर के पास दवा दिलाने जा रही थी। अचानक इटावा की ओर जा रही मालगाड़ी की चपेट में आकर नाती और दादी की मौत हो गई। खेतों में काम कर रहे किसानों ने उनके स्वजन को जानकारी दी। ग्रामीणों ने बताया कि मृतक महिला के पति और बेटा खेतों पर काम करने गए हुए थे। थाना प्रभारी निरीक्षक रामसहाय ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। दादी व नाती की मौत हो जाने से स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल था।
घर का इकलौता चिराग था सौरभ
तिवारी पुरवा गांव में लोगों की दिनचर्या सुबह शुरू हुई हो पाई थी कि अचानक गांव में खबर फैल गई दादी और नाती की ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई है। हादसे की खबर सुनकर गांव वाले सन्न रह गए। वह अपना कामकाज छोड़कर लोग घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े। जानकारी होने पर आस-पास के गांव के लोग भी एकत्रित हो गए। पहले मृतक के स्वजन पोस्टमार्टम कराने से मना कर रहे थे। बाद में पुलिस के समझाने पर वह राजी हुए। मृतक घर का इकलौता चिराग था। उसकी एक सात वर्षीय बड़ी बहन है और उसकी दो बहने हैं दोनों की शादी हो गई है।
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