रायबरेली/संवाद सूत्र
राष्ट्रीय ब्रह्म चेतना ग्रुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश तिवारी का युवाओं के नाम संदेश देते हुए कहा कि बोलता हूँ क्योंकि भारत मेरा देश है और प्रणाम भारत के सभी युवा साथियों को क्योंकि भारत ही मेरी जन्मभूमि, भारत की मिट्टी से प्रेम इसलिए सोशल एक्टिविस्ट सम्बोधन से गौरवान्वित हूँ। मुझे वक्त ने भारत के लिए कुछ करने का मौका दिया और मैं धीरे-धीरे करने का प्रयास भी कर रहा हूँ परन्तु, इसके कई राजनीतिक मायने निकाले गए और क़यास लगाए जाते रहे हैं। मुझे स्नेह और सम्मान भी मिला तो राजनेता के कोप का भाजन बनना भी मैंने सहर्ष स्वीकार किया। प्रयास रहता है की जात पात से ऊपर उठ कर युवकों और युवतियों के लिए कुछ काम करूँ क्योंकि यही लोग हमारे संगठन को हमारे भारत को एक सनातन धर्म की ओर भारतीय संस्कृति की पहचान बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं और हमारे युवा देश को विश्व गुरु का निर्माण करेंगे। सामाजिक बदलाव बहुत जरूरी है तभी जाकर राजनीतिक और नीतिगत बदलाव की अपेक्षा की जा सकती है। वर्तमान में युवाओं की ऊर्जा और शक्ति का शोषण चरम पर है। उनकी उपेक्षा की जाती है, अतः राजनीतिक और सामाजिक रूप से युवाओं और महिला वर्ग की सहभागिता का विस्तार करना होगा। आने वाले वाले समय में विश्व में स्वास्थ्य शिक्षा एवम रोज़गार के क्षेत्र में जो आंदोलन होगा युवा वर्ग और भारत उसका प्रणेता बनेगा। चुनाव में सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र की बात करने वाले लोगों को इसका आभास मात्र भी नहीं है की भविष्य के गर्भ में परिवर्तन की पटकथा लिखी जा चुकी है। आजतक जनता जनार्दन का राजनीति में इस्तेमाल होता रहा है। लेकिन बहुत जल्द यही जनता राजनीति का सही इस्तेमाल करना सीख जाएगी उसके बाद नौकरशाह और राजनेता को विकास कार्य करने के लिए बाध्य कर देगी। आने वाला समय मेरे लिए बहुत कठिन होने वाला है लेकिन आने वाले कुछ वर्षों में एक ऐसा विकल्प खड़ा करना है। जो सामाजिक सरोकार के लिए काम करे, रोजगार के लिए काम करे, शिक्षा के लिए काम करे स्वास्थ्य सेवा के उत्थान लिए काम करे राष्ट्र के लिए काम करे देशवासियों के उत्थान के लिए काम करे और इसके लिए युवाओं और युवतियों की एक नई_सेना राष्ट्रीय ब्रह्म चेतना ग्रुप को तैयार करना होगा जो सिर्फ और सिर्फ सामाजिक सरोकार के लिए राजनीति में अपनी सहभागिता स्थापित कर सके, जिनको राजनीतिक पार्टियों के झंडे उठाने और कार्यालय के चक्कर लगाने से मुक्ति मिले। जिनकी पहचान सिर्फ और सिर्फ उनके सामाजिक योगदान के आधार पर हो और नई पीढ़ी की सत्ता में भागीदारी , ईमानदारी और योग्यता के आधार पर हो ना की नेता की चमचागिरी के आधार पर और इसके लिए एक अकेला ज्ञान प्रकाश तिवारी कुछ नहीं कर सकता राष्ट्र एवम विश्व के लाखों ऊर्जावान युवाओं और युवतियों की जरूरत पड़ेगी तैयार रहिए। इस अवसर पर गीतेश दीक्षित दीपक त्रिपाठी राजेंद्र प्रसाद तिवारी इच्छा तिवारी अवनीश त्रिपाठी बृज लता शर्मा सुनीता दुबे राजेश मिश्रा कई अन्य लोग उपस्थित थे।
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