फतेहपुर/नि.सं.
अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष जंग बहादुर सिंह पटेल के नेतृत्व में जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन प्रेषित किया गया। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष डॉ हरिश्चंद्र पटेल के आवाहन पर यह मांग की गई की क्रीमी लेयर की वार्षिक आय सीमा 12 लाख एवं सकल वार्षिक आय सीमा में वेतन और कृषि आय को जोड़े जाने की सिफारिश को निरस्त किये जाने की मांग उठाई गई।इन लोगों ने कहा कि संसदीय समिति ने देश में बढ़ती महंगाई दर को दृष्टिगत रखते हुए संसद में क्रीमी लेयर की वार्षिक आय सीमा को 8 लाख से बढ़ाकर 15 लाख किए जाने की सिफारिश संसद को की गई थी जिससे असहमति रखते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 8 मार्च 2019 को गैर पिछड़े वर्ग के पण्डित बीपी शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति का गठन किया गया पंडित बीपी शर्मा समिति की क्रीमी लेयर की समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर सरकार क्रीमी लेयर की वार्षिक आय सीमा 12 लाख किए जाने तथा सकल वार्षिक आय में वेतन और कृषि आय को जोड़े जाने का विचार कर रही है यदि क्रीमी लेयर की सीमा को बढ़ाकर सकल वार्षिक आय की गणना में वेतन और कृषि आय को भी जोड़ दिया जाएगा तो वर्तमान में मिल रहे लाभ से भारी संख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग बाहर हो जाएगा। जिससे भारी संख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग नौकरियों से वंचित हो जाएगा तथा ओबीसी के पद खाली रह जाएंगे।यह सामाजिक रूप से पिछड़े समाज ओबीसी वर्ग के प्राकृतिक एवं संवैधानिक न्याय के विरुद्ध है इसीलिए प्रधानमंत्री जी से अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा उत्तर प्रदेश निवेदन किया है की इस सिफारिश को निरस्त किया जाए इस दौरान दिए गए ज्ञापन में छह सूत्रीय मांगों को प्रमुखता से उठाया गया।इस दौरान कहां गया कि जिस प्रकार से एसटी/एससी एवं सामान्य वर्ग में क्रीमी लेयर की व्यवस्था नहीं है उसी प्रकार पिछड़ा वर्ग से भी क्रीमी लेयर की व्यवस्था समाप्त की जाए।
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December 6, 2023