फतेहपुर/संवाद सूत्र
-08 साल की उम्र से रोजा रख रहे अजीमुद्दीन।
-कुरान पाक की तिलावत के साथ अता करते पांच वक्त की नमाज।
-धार्मिक शिक्षा के प्रति जुड़ाव से अज़ीम की समाज में हो रही तारीफ।
शहर के मसवानी मोहल्ला निवासी पत्रकार मेराज उद्दीन महताब के सबसे छोटे पुत्र अजीमुद्दीन के अंदर अल्लाह तआला के प्रति आस्था व कुरान पाक के प्रति विश्वास ने हीं उन्हें समाज में एक नई पहचान दिलाने का काम किया है। मात्र 11 वर्ष की उम्र में समाज के लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बनाने वाले अजीमुद्दीन बताते हैं कि उन्हें यह प्रेरणा अपने बाबा नईमुद्दीन व पिता मेराजुद्दीन से हासिल हुई है। उन्होंने बताया कि रमजान के महीने में उनकी माता सायमा परवीन समेत परिवार के अन्य लोग रोजा रखते थे व अल्लाह की इबादत पूरी शिद्दत के साथ करते थे। जिसको देखकर उनके अंदर भी अल्लाह की इबादत करने की इच्छा प्रकट हुई और 08 वर्ष की उम्र से लगातार रोजा रखते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि अल्लाह तआला की इबादत के अलावा रमजान के महीनों में खेलकूद समेत अन्य चीजों पर वह ध्यान नहीं देते और सुबह पहर सहरी के बाद से पूरे दिन रोजा रखने के दौरान पांच वक्त की नमाज अता करते हैं और शाम पहर रोजा खोलने के बाद तारावीह भी लगातार करते आ रहे हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि इस भीषण गर्मी में भी उन्हें अल्लाह की इबादत के अलावा ना गर्मी बेचैन करती है, ना भूख परेशान करती है यह सब ऊपर वाले का उन पर करम है जिसके बदौलत वह पूरी शिद्दत से रमजान माह के रोजे लगातार तीन वर्षों से करते आ रहे हैं। उधर अजीम की अल्लाह के प्रति श्रद्धा व कुरान के प्रति विश्वास ने समाज में एक अलग पहचान दिलाने का काम किया है। समाज के लोग नन्हे अजीम की तारीफें करते नजर आते हैं। समाज के लोगों का कहना रहा कि अल्लाह के बताए रास्ते पर जिस तरह से नन्हे अजीम आगे बढ़ रहे हैं ऊपर वाले ने उनके बेहतर भविष्य के लिए जरूर कुछ अच्छा सोच रखा होगा और वह आगे चलकर एक बेहतर मुकाम हासिल करने में सफल होंगे।