फतेहपुर/नि.सं.
-एसडीएम सदर की रिपोर्ट के एक माह बाद भी लदिगवा के अवैध कब्जेदारो पर प्रशासन मेहरबान…!
-तहसीलदार की जाँच के बाद हो चुकी है धारा 67 की कार्यवाही, डीएम को देनी है संस्तुति….. !
प्रशासन द्वारा जिले में सरकारी जमीनो को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का अभियान क्यों न चलाया जा रहा हों किंतु अभी भी तमाम ऐसी ग्राम पंचायते व शहरी क्षेत्र ऐसे हैं, जहाँ सरकारी जमीनो पर कुंडली मारे बैठे लोग राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से सिस्टम को मुँह चिढ़ा रहें हैं। इस मद में तथाकथित प्रशासनिक चौकसी के दाँवों की हवा निकालने वालों में एक बड़ा नाम बहुआ ब्लाक के राजस्व ग्राम लदिगवा का काफी चर्चा में है।
भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार लदिगवा ग्राम सभा में सौ बीघे से अधिक चारागाह, बंजर (गौशाला हेतु), बंजर (बाग हेतु), तालाब, खेल का मैदान और बड़ी संख्या में चरागाह की भूमि पर अवैध कब्जे हैं। हद तो तब हो गई जब चारागाह की जमीन पर एक दबंग ने राजस्व कर्मी की मिलीभगत से मोबाइल टावर खड़ा करवा लिया, जिसके किराये के रूप में मोटी रकम वसूली जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि एसडीएम सदर की रिपोर्ट के एक सप्ताह बाद भी लदिगवा के अवैध कब्जेदारो पर प्रशासन मेहरबान बना हुआ है। गांव की सैंकड़ों बीघे जमीन पर दबंगो ने कब्जा कर रखा है। इतना ही नहीं प्रधान की मिलीभगत से पशुचर की ज़मीन पर मोबाइल टावर खड़ा करा दिया गया है। बताते चले कि तहसीलदार की जाँच के बाद धारा 67 की कार्यवाही भी हो हो चुकी है। अब डीएम को देनी है संस्तुति, जिनके पास एक सप्ताह से फाइल पड़ी है।
दूसरी ओर बताते है कि उपरोक्त संदर्भ में कुछ समय पहले एक भाजपा नेता के साथ लदिगवा के तमाम लोगों ने जनपद की सांसद एवं केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मिलकर शिकायत करते हुए कड़ी कार्यवाही की आवश्यकता जताई थी जिस पर साध्वी ने जिला अधिकारी संजीव कुमार को जाँच करवाकर कार्यवाही के निर्देश दिये थे, बावजूद इसके कोई प्रभावी कार्यवाही न होने से हताश गांव वालों ने मुख्यमंत्री के पोर्टल में शिकायत की, जिस पर न अधूरे मन से जाँच कराई गई। क्योंकि राजस्व कर्मी ही पूरी समस्या की वास्तविक जड़ हैं, इसलिये वह इस प्रकरण को काफी समय तक ठंढे बस्ते में डाले रहे किंतु शासन से दोबारा क्वाँयरी होने पर जाँच कराई गई तो लगभग 102 बीघे सरकारी जमीन का मामला पकड़ में आया और यह भी स्पष्ट हो गया कि जिस भूखण्ड पर मोबाइल टावर लगवाया गया है, वह भी चरागाह की जमीन है और उस पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है। इस मद में क्षेत्रीय लेखपाल की भूमिका संदिग्ध पाई गई और ग्राम प्रधान द्वारा भी ग्रामसभा की जमीनो के प्रति गम्भीर न होना पाया गया।
खबर है कि शासन स्तर पर शिकायत के बाद मोबाइल टावर वाले भू-खण्ड की जाँच तहसीलदार सदर स्तर से करवाई गई जिसमें पाया गया कि प्रधान ने ही सरकारी जमीन को निजी बताकर मोबाइल टावर लगवाया है और गाटा संख्या 614/0.0500 हे. पर नरेंद्र सिंह पुत्र ननकू सिंह ने अवैध ढंग से कब्जा कर रखा है। सूत्रों की माने तो उपरोक्त मामले में धारा 67 के तहत कार्यवाही भी कर दिये जाने की बात एक माह पूर्व डीएम को भेजी गई रिपोर्ट में उल्लिखित है। अब इस मामले में डीएम संजीव सिंह को निर्णय लेना है कि अवैध कब्जेदारो के खिलाफ किस स्तर की कार्यवाही की जाये। वैसे कब्जेदार अपने आप को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का नजदीकी रिश्तेदार बताता रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मद में कितना कड़ा रुख अख्तियार कर पाता है या यह मामला भी जातीय पचड़े में फसकर दम तोड़ देता है!
जनपद में लदिगवा कोई अकेला ऐसा गाव नहीं है जहाँ सैंकड़ों बीघे सरकारी जमीनो पर अवैध कब्जे है और बाकायदे निर्माण भी करवा लिये गये हैं या फिर राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से खेल हुआ है। लगभग सभी राजस्व ग्रामों का यही हाल है और समय समय पर ग्रामीण शिकायतें भी करते रहते है किंतु अपेक्षित कार्यवाही न होने से जहाँ शिकायतकर्ता हताश हो जाते हैं, वही अवैध कब्जेदारो का मनोबल सातवें आसमान पर पहुँच जाता है। लदिगवा मसले पर प्रशासन अगर कड़ी कार्यवाही कर पाया तो जनपद की अन्य ग्राम पंचायतो में सरकारी जमीनो पर कुंडली मारकर बैठे अवैध कब्जेदारो में भी कार्यवाही होने सम्बंधी संदेश जायेगा किंतु अगर रिश्तेदारी ने काम दिखाया तो योगी राज के तरीकों पर एक और सवाल खड़ा हो जायेगा!
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December 6, 2023