सरेनी/रायबरेली,संवाद सूत्र
वर्ष 2000 से गौतमनखेड़ा ग्राम सभा में प्रधान पद नहीं हुआ अनारक्षित-कुमकुम सिंह
विकास खण्ड सरेनी की ग्राम पंचायत गौतमनखेड़ा का प्रधान पद 2010 के बाद जिला प्रशासन ने दूसरी बार दोबारा आरक्षित घोषित कर दिया। यह सुनते ही गांव के ग्रामीणों में रोष पनप गया। 20 साल बाद यानि 2000 के बाद आज तक ग्राम पंचायत गौतमनखेड़ा अनारक्षित नहीं हुई है। इस बात से नाराज ग्रामीणों ने ग्राम सभा में मीटिंग की जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरुष और युवाओं ने हिस्सा लिया। कुमकुम सिंह महामंत्री जयहिंद युवा सेना ने कहा कि सरकार ने 11 फरवरी के शासनादेश में 7.1 पैरा में दिया कि 1995, 2000, 2005, 2010, 2015 में अगर अनुसूचित जाति को आरक्षित हो चुकी है तो उसे अनुसूचित जाति को आरक्षित नहीं की जा सकती इसके बावजूद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ग्राम पंचायत की प्रधान का पद अनुसूचित जाति को घोषित कर दिया। इसके विरोध में सभी ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज कराने का फैसला किया। ग्रामीणों ने डीपीआरओ और मुख्यमंत्री को ई मेल के माध्यम से आपत्ति दर्ज करवाई और शासन प्रशासन से अनुरोध किया है कि ग्राम सभा गौतमनखेड़ा के प्रधान पद को अनुसूचित जाति से रद्द कर अनारक्षित की जाये।
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