रायबरेली/विनोद यादव
मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को भ्रस्टाचार मुक्त बनाने की कवायद कर रहे है लेकिन अगर बात की जाए वीवीआईपी जिलो में शुमार रायबरेली की तो सरकारी कर्मचारियों पर आए दिन रिस्वत लेने के आरोप लगते रहते है। जहां आज एक बार फिर से लेखपाल पर गंभीर आरोप लगा है कि उसने एक गरीब विधवा महिला से पचास हजार रुपये की डिमांड कर डाला और पांच हजार रुपया ले भी लिया। मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के आजाद नगर बहराना का है जहां पचासों साल से एक महिला कच्ची कोठरी बना कर रह रही थी जब उसकी कोठरी गिर गई तो महिला के लड़के ने इधर उधर से पैसे की व्यवस्था करके मकान बनाने की सोची और उस मकान में काम भी शुरू कर दिया गया। लेकिन मौके पर पहुचे लेखपाल ने काम रोकने का दबाव बनाया और पचास हजार की मांग कर दी कहा कि अगर नही दोगी तो काम नही लगेगा उस गरीब महिला ने किसी तरह करके लेखपाल को पांच हजार रुपया तत्काल पकड़ा दिया जिसके बाद उस मकान में काम फिर से शुरू हो गया। लेकिन उसके बाद दूसरे दिन फिर से पहुचे लेखपाल ने अचानक से काम बंद करने को कहा और उस महिला का पैसा वापस कर दिया जिसके बाद लेखपाल के द्वारा पुलिस बुला कर परिवार से एक लड़की सहित 3 लेबर उठा कर थाने भेज दिया। क्या इसी तरह तरह सरकारी अमला भ्रष्टाचार फैलाता रहेगा और प्रशासन आंख मूंद कर सोता रहेगा। अब देखने वाली बात ये होगी कि आखिर प्रसासन की ये कुम्भकर्ण की नींद कब खुलेगी और कब पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा ये आने वाला समय बताएगा लेकिन एक बात साफ हो गई है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश को पलीता लगाने से बाज नही आ रहे है लेखपाल।
Related Stories
November 10, 2023
June 4, 2023