Uncategorized लाइसेंस धारियों को कई गुना अवैध डम्प के बाद भी क्लीन चिट aapkikhabre August 7, 2020 1 min read Spread the love फतेहपुर/नि.सं.जिले में वैैैध की आड़ में अवैध खनन व परिवहन हमेशा से होता आया है खदान संचालको ने अधिक मुनाफा कमाने के लिए पिछले वर्षों में भी खूब अवैध मौरंग की डंपिंग करवाई। जिनमे दर्जनों नीलाम हुए और दर्जनों खेल करके बेच डाले गए, आपको बता दें यह जनपद मौरंग की वजह से अधिकारियों के लिए मलाईदार जनपद माना जाता रहा है यहां कुछ ही ऐसे अधिकारी आए जिन्होंने व्यवस्था को सुधारने का काम किया नहीं तो अधिकतर ने बिगड़ी व्यवस्था को सुधारने के बजाय अपनी ब्यवस्था सुधारने पर अधिक मेहनत की। मौरंग खनन, परिवहन, अवैध डंपिंग के इस खेल में कहने को तो सिंडिकेट खत्म हो गया है मगर आज भी मौरंग के नाम पर लाखों करोड़ों का खेल खेला जाता है। कहने को तो सरकार कैमरे के निगाह पर, ई टेंडरिंग से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कोशिश करती है मगर जमीनी स्तर पर पूरी व्यवस्था में ही घालमेल है। बिना ओवरलोड के एक भी गाड़ी घाटों से निकाली नहीं जाती। ओवरलोड के नाम पर कई चौकी, थाने एआरटीओ सभी गुलजार हैं। इस स्थिति में ऐसा कहना अतिसंयोक्ति नहीं होगी कि सिर्फ दिखावे के लिए, जनता के संतोष के लिए अधिकारियों द्वारा सख्ती व कार्रवाई की जाती है। जैसे इस वर्ष 2020 में ही देखें ओवरलोड रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बैरियर व्यवस्था लगाई गई थी वह भी पूरी तरह फेल रही। बरसात आने से पहले रवन्ना व बिना रवन्ना के जमकर वैध व अवैध मौरंग निकाली गई। गौरतलब हो कि बरसात में तीन माह के लिए खदानों का संचालन बंद हो जाता है जिसके पहले खदान संचालक लाखों घन मीटर अवैध मौरंग का डंप कई स्थानों पर कर लेते हैं और खदानों के बंद होते ही ऊंचे दामों पर उसको बेचकर मनमाना रुपया वसूल करते हैं। हालांकि खान अधिकारी मिथिलेश पांडे ने एक ही दिन में 28 डंप सीजकर सख्ती जरूर दिखाई मगर यह कार्यवाही जनता की निगाह में ऊंट के मुंह में जीरा जैसी साबित हुई है। वजह साफ है कि जिले में सबसे अधिक अवैध डंपिंग बहुआ से दतौली व किशनपुर क्षेत्र में की गई है। जिन पर अभी तक प्रशासनिक निगाह नहीं गई है। जबकि बहुआ से दतौली के बीच मे लगभग 50 स्थानों पर अवैध डंपिंग की गई है। जहां अलग अलग स्थानों पर लगभग एक लाख घनमीटर अवैध मोरंग डम्प की गई है। उससे भी खास बात यह है कि कुछ को छोड़कर जिन डम्प संचालकों ने डंपिंग का लाइंसेंस बनवा रखा है। उन्होंने भी दोगुना या तीन गुना तक मौरंग डम्प कर रखा है। जिसमे खुलेआम लाखों/करोड़ों रुपये की राजस्व चोरी की जा रही है। मगर इनमे से एक भी बड़े माफिया को जिला प्रशासन छू भी नहीं रहा है। इनमें से अधिकतर डम्प संचालक या तो खदान संचालक रहे हैं या फिर उनके करीबी। जो पूरे वर्ष उन्ही अधिकारियों के बंगलो और ऑफिस में घण्टो बैठे देखे जाते रहे हैं जिनको डम्प पर कार्रवाई करनी है। शायद यही वजह है कि उन बड़े अधिकारियों के करीबी ठेकेदारो पर खनन विभाग भी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा। हालांकि इस बाबत खान अधिकारी मिथलेश पांडे का यही कहना है कि अभियान लगातार चल रहा है। अवैध मौरंग जनपद में कहीं भी डम्प हो, उसे ढूढ़कर सीज किया जाएगा। वहीं जिन लाइसेंस धारकों ने मानक से अधिक डंपिंग की है उनकी भी जांच कराई जाएगी। Continue Reading Previous: नौगाव रेप काण्ड का अभियुक्त रायबरेली से गिरफ्तारNext: पुलिसकर्मियों सहित संतो को वितरित की गई रोग प्रतिरोधक दवाइयां Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Related Stories तालाब में फंसें नागालैंड के पर्यटन मंत्री तेमजेन, तालाब में रेंगते हुए आए नजर 1 min read Uncategorized तालाब में फंसें नागालैंड के पर्यटन मंत्री तेमजेन, तालाब में रेंगते हुए आए नजर February 10, 2024 घर में मिले 5 कंकाल, मरने वाले सभी एक ही परिवार के, 2019 में दिखे थे आखिरी बार 1 min read Uncategorized घर में मिले 5 कंकाल, मरने वाले सभी एक ही परिवार के, 2019 में दिखे थे आखिरी बार December 30, 2023 तिब्बत प्रशासन तीन दिवसीय झारखंड दौरे पर 1 min read Uncategorized तिब्बत प्रशासन तीन दिवसीय झारखंड दौरे पर December 6, 2023