वाराणसी/नि.सं.
बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में शव की अदला-बदली मामले में समिति ने शनिवार को सहयोगी दस्तावेजों सहित करीब 50 पेज की रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी। जांच रिपोर्ट पुरी तरह गोपनीय तरीके से बंद लिफाफे में सौंपी गई। अब अस्पताल प्रशासन के विवेक पर निर्भर है वह इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और व्यवस्था को सुधार के लिए समिति द्वारा दिए गए सुझावों पर कितना अमल करता है। वैसे जांच में पाया गया है कि एक साथ पैकिंग होने के कारण शव की अदला-बदली हुई थी।
इंस्पेक्टर अनुपम श्रीवास्तव के पिता केशव चंद्र श्रीवास्तव व यहां के एसीएमओ जंग बहादुर का निधन एक ही समय 11 अगस्त की रात को बीएचयू के कोविड-19 वार्ड में हुआ था। अस्पताल में घोर लापरवाही के कारण 12 अगस्त को केशव चंद्र श्रीवास्तव का शव जंग बहादुर के परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों ने केशव चंद्र के शव का हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार भी कर दिया। बाद में जंग बहादुर के परिजनों को अस्पताल की ओर से फोन गया कि आप आकर शव ले जाएं, जिस पर वे भी चौक गए। उन्होंने कहा कि वे तो शव को जला चुके हैं। उधर, अनुपम श्रीवास्तव ने जब अपने पिता का शव मांगा तो उन्हें जंग बहादुर का शव दे दिया गया, लेकिन उन्होंने वही पर चेक कर किया तो सारी सच्चाई सामने आ गई। शव बदलने के खिलाफ उस दिन जमकर हंगामा हुआ। इनकी तरफ से अस्पताल प्रशासन के खिलाफ लंका थाने में तहरीर भी दी गई, लेकिन अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। वहीं जंग बहादुर के परिजनों को दो शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ा। बताया जा रहा है कि एक ही साथ दोनों के शव की पैकिंग की गई और दो अलग-अलग कर्मचारी शव को मॉर्चरी ले गए, लेकिन इस दौरान शव की अदला-बदली हो गई। वहीं केशव चंद्र के परिजन अभी भी अस्पताल से शव मांग कर रहे हैं। एमएस प्रो. एसके माथुर ने इस मामले की जांच के लिए कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डा. धर्मेंद्र जैन की अध्यक्षता में समिति जांच गठित की थी, जिसमें जनरल सर्जरी के डा. विवेक कुमार श्रीवास्तव व अस्पताल के असिस्टेंट रजिस्ट्रार भी शामिल थे। सूत्र बताते हैं कि शनिवार को जो रिपोर्ट सौंपी गई उसमें पांच पेज की मूल रिपोर्ट व अन्य सहयोगी दस्तावेज भी थे। साथ ही मामले से जुड़े लोगों के बयान की रिकार्डिंग भी शामिल है। हालांकि कुल 50 पेज की रिपोर्ट तैयार की गई है।
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December 6, 2023