चौडगरा/फतेहपुर,संवाद सूत्र
कोविड-19 की दूसरी लहर ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया डर के माहौल में लोग घरों में कैद हो गए। बढ़ते संक्रमण के दौरान डॉक्टर से लेकर कोविड-19 से लड़ने वाले फ्रंटलाइनर कोरोना वैरियर भी इस बार अछूते नहीं रहे। पहले की तुलना में अधिक घातक कोविड-19 की दूसरी लहर से आम जनमानस भयभीत दिखा तो वही अधिकारी व कर्मचारी भी सकते में रह पहले की तुलना में अधिक सावधानी व सतर्कता बरतने के साथ लोगों को जागरूक व जागरूकता अभियान के तहत गली कूंचों व गांव गांव मोटरसाइकिल से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सभी से अपेक्षाकृत सहयोगात्मक अपील करनें को लेकर संदेश घर घर तक पहुंचाया इन सबके बीच दूसरी लहर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोपालगंज में जहां पहली लहर में 3 डॉक्टर कोविड-19 से संक्रमित हो ठीक हुए थे दूसरे संक्रमण की लहर में पीएचसी से संबंधित 17 स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हुए जिसके बाद पीएचसी की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने के साथ 24 घंटे तक पीएचसी का संचालन अस्थाई रूप से बन्द हो गया सूचना मिलते ही गांव देहात से संबंध रखने वाली स्वास्थ्य केंद्र से जुड़े लोगों में चिंता के साथ स्वास्थ्य को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी अरुण द्विवेदी संक्रमित होने के बावजूद जहां एक और शासन-प्रशासन के बीच जरूरी व आवश्यक डाटा के साथ पीएचसी के कार्यों को गतिशील रखा संपर्क में दूरभाष के माध्यम से क्षेत्रीय लोगों को बीमार होने व संक्रमित होने के लक्षण व रिपोर्ट के आधार पर व्हाट्सएप के माध्यम से इलाज भी लोगों का जारी रखा। प्रभारी की अनुपस्थिति में डॉ अमलेश जोशी चिकित्साधिकारी धरातल में उतर कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित सभी कर्मचारियों को एक सूत्र में पिरो कर उनके कार्यों की हौसला अफजाई कर मनोबल बढ़ाते हुए सभी से एक इकाई के तहत जिम्मेदारी सौंप जिम्मेदारी का बोध कराया जहां सभी ने अपने अपने हिस्से के साथ क्षेत्रीय ग्रामीण लोगों की भरपूर मदद की संक्रमण काल में जहां लोग अपनी जान बचाने के लिए तरह-तरह प्रयास करते रहे तो दूसरी तरफ दूसरे भगवान के रूप में डॉक्टरों ने लोगों की सेहत व स्वास्थ्य को प्राथमिकता के साथ अपने कर्तव्य निष्ठा मेहनत व परिश्रम के चलते बड़े ही सावधानी पूर्वक लोगों की हर संभव मदद की जिससे लोगों के मध्य स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति क्षेत्रीय जनमानस सम्मान का भाव व्यक्त कर उनके कार्यों की प्रशंसा कर रहा हैं।
डॉ अरुण द्विवेदी बताते हैं कि संक्रमण काल के दौरान खुद संक्रमित होने के बावजूद जिम्मेदारी के साथ क्षेत्रीय लोगों के बीच सामंजस्य बनाकर जिम्मेदारी निभाने के दौरान स्वयं को जो अनुभव प्राप्त हुआ वह अविस्मरणीय है। गैर मौजूदगी में डॉक्टर जोशी के प्रयास व सभी के द्वारा एक इकाई के तहत एकजुटता का परिचय देकर जो मनोबल ऊंचा हुआ उसके आगे कोविड-19 की दूसरी लहर भी हार गई।
हम जीत रहे हैं और जीतेंगे