फतेहपुर नि.सं.
खनन माफियाओं द्वारा इलाकाई पुलिस प्रशासन की मदद से मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार विभाग व प्रशासन इन माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही के लिये बजाय मूक दर्शक बन इन खनन माफियाओं को मौन स्वीकृति दिये हुए है। नतीजतन मिट्टी खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलन्द हैं कि वो खनन के सारे नियम कायदे कानून को बला ए ताक में रखकर बड़े पैमाने पर मिट्टी का अवैध खनन कर रहे हैं।
बता दें कि जनपद के औंग, कल्याणपुर, हुसैनगंज व थरियांव क्षेत्र में अवैध खनन बदस्तूर जारी है। माफियाओं ने 10 से 15 फिट तक की मिट्टी का खनन करके क्षेत्र की कई बड़ी जमीनों को तालाबी स्वरूप दे दिया है। थरियांव थाना क्षेत्र के हसवां में तो एक ऐतिहासिक भीट को माफियाओं ने नेस्तनाबूत कर दिया है। इस बरारी भीट को ग्राम प्रधान सहित ग्रामीण पूर्व में एक राजा का निवास बता रहे हैं जहां पुरानी मूर्तियां व सिक्के लोगों को मिलते रहे हैं। इसी भीट को खोदने वर्ष भर में तीन बार एक प्राइवेट कंपनी के ठेकेदार आये मगर छीछालेदर के बाद भाग खड़े हुए। बताते हैं विभागीय सेटिंग कर इस भीट को फिर से बलुई मिट्टी के माफिया खोदने में डट गए हैं। इसी प्रकार खनन माफिया हुसैनगंज के छीटू पहनी गांव में रात के अंधेरे में कई जेसीबी मशीनें लगाकर मिट्टी का अवैध खनन कर रात में ही खनन की गई मिट्टी को ट्रैक्टरों व डंफरो के सहारे नियत स्थानों में पहुँचा देते हैं। औंग क्षेत्र में तो इन ट्रैक्टरों व डंफरो की आवागमन सुगमता के लिये खनन माफियाओं ने मिट्टी खनन वाले स्थानों में कच्चे रास्ते बनाने के लिये कई कई किलोमीटर तक की वन सम्पदा को भी नष्ट कर दिया। इन सबके बावजूद भी स्थानीय पुलिस प्रशासन ही नहीं बल्कि खनिज, वन विभाग के अलावा प्रशासन भी इन मिट्टी के अवैध खनन कर्ताओं की ओर से अनभिज्ञ बन इनको मिट्टी के अवैध खनन की खुली छूट दिये हुए है। जिससे ये मिट्टी माफिया खाली पड़े क्षेत्र के स्थानों में कई कई बीघों तक लगभग 15 से 20 फिट तक की मिट्टी खनन करके बड़े बड़े गड्ढे बना रहे हैं जहां बरसात के मौसम में कभी भी कोई हादसा हो सकता है। क्षेत्रीय ग्रामीणों ने मिट्टी के इस अवैध खनन की सबसे बड़ी वजह क्षेत्र में ईंट भट्ठों की अधिकता बताया। जिनमें मिट्टी की आपूर्ति कराकर धन कमाने के लालच वश खनन माफियाओं द्वारा मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है जो कि थमने का नाम नहीं ले रहा है। क्षेत्रीय ग्रामीणों की माने तो उन्होंने बड़े पैमाने पर बदस्तूर हो रहे मिट्टी के अवैध खनन की जानकारी कई कई बार स्थानीय पुलिस प्रशासन ही नहीं वरन खनन विभाग व तहसील प्रशासन को भी दिया। इन सबके बावजूद भी किसी भी जिम्मेदार द्वारा इन खनन माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही कर मिट्टी के अवैध खनन में रोक लगाना तो दूर मौके का स्थलीय निरीक्षण तक करना मुनासिब नहीं समझा।
नतीजतन इन हौसले परस्त मिट्टी खनन माफियाओं द्वारा आज भी मिट्टी का बड़े पैमाने पर अवैध खनन जारी है। इन सबके बावजूद भी इन खनन माफियाओं के खिलाफ जिम्मेदारों द्वारा कार्यवाही ना करना, जिम्मेदारों की इन खनन माफियाओं से जुगलबन्दी और मौन स्वीकृति का संकेत है। उधर औंग क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन के मामले में वन विभाग के उच्चाधिकारियो ने भी लिखित शिकायत डीएम से की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि औंग व कल्याणपुर क्षेत्र में वन विभाग का बड़ा क्षेत्र है जहां खनन की अनुमति ही नहीं मिल सकती। मामले की जांच व प्रकाशित खबरों को संज्ञान में लेकर बिंदकी एसडीएम आशीष कुमार, नायब तहसीलदार व औंग एसओ केशव वर्मा ने मिट्टी खनन के मौकों का निरीक्षण किया। जहां एसडीएम के छापे से अवैध खनन कर रहे संचालको में हड़कम्प मच गया। एसडीएम की छापेमारी की जानकारी मिलते ही एक संचालक मशीनों सहित भाग खड़ा हुआ जबकि दूसरे खनन करवा रहे ठेकेदार से एसडीएम ने खनन विभाग का अनुमति पत्र मांगा। साथ ही उन किसानों का एग्रीमेंट भी जिनके खेतों में खनन कार्य किया जा रहा था। एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से खनन कार्य पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया। एसडीएम ने एक संचालक से तो डिटेल मांगी, मगर सगुनापुर व अन्य स्थानों पर हजारों घनमीटर खनन करने वालों की कोई पड़ताल नहीं की।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
औंग थानाध्यक्ष केशव वर्मा ने बताया कि मौके पर गया था एसडीएम ने खनन कार्य बंद करवाने के लिए निर्देशित किया है। पूरे मामले में उच्चाधिकारी जांच कर रहे हैं।अभी तक किसी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के निर्देश नहीं मिले हैं। एक दो दिन में जांच पूरी होने की संभावना है जांच में अवैध खनन मिलेगा तो अधिकारियों के निर्देश पर मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा।इस बाबत खान अधिकारी मिथलेश पांडे ने बताया कि औंग थाना क्षेत्र में मिट्टी खनन की सूचना मिली थी। जिसे संज्ञान में लेकर तत्काल बन्द करवा दिया गया है। हालांकि 100 घन मीटर तक किसान फ्री मिट्टी ऑनलाइन आवेदन कर खोद सकता है मगर मिट्टी का व्यापार बिना अनुमति के नहीं हो सकता। अन्य स्थानों में भी जानकारी कर अगर अवैध खनन हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।
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December 6, 2023