हुसैनगंज फतेहपुर संवाददाता
हुसैनगंज थाना क्षेत्र में लूट,छिनैती,चोरी की घटनाएं आम बात है। यहां दर्जनों अज्ञात हत्यायुक्त शव मिले लेकिन आज तक एक भी शवों की शिनाख्त व हत्या का खुलासा नही हो पाया।जुगाड़ मेल में सवार थाना प्रभारी सालों से बिंदास थानेदारी कर रहें हैं। इस थाने में एक ऐसा सिपाही भी तैनात है जो 3 साल से थानेदार का कारखास बनकर मलाई काट रहा है। इस शातिर कारखास का पशु तस्करों से मधुर सम्बन्ध हैं। इसका खुलासा तब हुआ था जब एसओजी ने कुछ तस्करों को पकड़ पूंछतांछ की थी। तस्करों ने ही कबूला था कि हुसैनगंज में तैनात इस सिपाही से उनके सम्बन्ध हैं और प्रति गाड़ी सिपाही को 6 हजार रुपए देते हैं।मिले ठोस सबूतों पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने इस सिपाही का तबादला हुसैनगंज थाने से जाफरगंज थाने कर दिया था।लेकिन इस शातिर को थाना प्रभारी ने अधिकारियों को झांसे में लेकर सिपाही की हुसैनगंज थाने में रिपोस्टिंग करवा ली थी।इस कमाऊपूत सिपाही के बगैर थाने का पत्ता भी नही हिलता। अब सवाल यह उठता है कि आखिर इस कमाऊ पूत सिपाही पर अधकारियों की नजर क्यों नही पड़ती या थानेदार का खास है इसलिए जानकर भी उसे नही हटाया जा रहा है।