किशुनपुर फतेहपुर संवाद सूत्र
विजयीपुर ब्लाक के 20 से अधिक गांवों को ब्लाक, तहसील और जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले रारी-गढ़ा मार्ग की हालत बद से बदतर स्थिति में पहुंच चुकी है। तीन महीने पहले ही लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सड़क पर पैचिंग कार्य किया था। भारी वाहनों की आवाजाही से ग्रामीण सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। बोल्डर बिखरे होने की वजह से आए दिन हादसे होते हैं। मौरंग खनन, मत्स्य आखेट और अन्य दूसरे माध्यमों से सरकार को प्रति वर्ष भारी-भरकम राजस्व अदा करने वाले क्षेत्र के लोगों को खस्ताहाल सड़क की वजह से हर रोज मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। किशुनपुर कस्बा स्थित बाजार जाना हो या फिर यमुना घाट, ब्लाक मुख्यालय व तहसील मुख्यालय तक आने-जाने के लिए यमुना तटवर्ती गांवों के लोग इसी मार्ग का बहुतायत प्रयोग करते हैं। वीरेंद्र कुमार, आलोक, चंद्रप्रकाश, लोटन, रामसुमेर आदि ग्रामीणों का कहना था मौरंग खदान तक आने-जाने वाले भारी वाहनों की वजह से छह महीने में ही सड़क ध्वस्त हो गई। रारी मोड़ से चंदापुर गांव तक 15 किमी सड़क की एक साथ पूरी मरम्मत नहीं हुई। टुकड़ों में ही कभी पैचिंग तो कभी मरम्मत करके विभाग कागजी कोरम पूरा कर देता है। उड़ती धूल से फसलों का नुकसान किसानों ने बताया कि ध्वस्त सड़क पर वाहनों के निकलने से दिन भर धूल उड़ती रहती है। सफर के दौरान भारी वाहनों के पीछे चलने पर बीमारी का खतरा रहता है। धूल की वजह से सड़क किनारे बोई जाने वाली फसलों को भारी नुकसान होता है। खदान संचालक पानी का छिड़काव कराते हैं, उसके बावजूद धूल की समस्या का समाधान नहीं हो पाता है। गढ़ा समेत कई गांवों का है संपर्क गढ़ा ग्राम पंचायत के कई मजरों समेत सरौली, एकडला, रारी, रघुराजपुर, महेशपुर मठेठा, अहमदगंज तिहार, कछरा, चंदापुर, गाजीपुर, हरदासपुर, टिकुरा आदि गांवों के लोग इस सड़क से आवागमन करते हैं।
क्या बोले जिम्मेदार–
शासन को भेजा जा चुका प्रस्ताव क्षमता से अधिक भार लादकर निकलने वाले वाहनों की वजह से सड़क खराब हुई है। मार्ग मरम्मत के लिए शासन को एस्टीमेट बनाकर भेजा जा चुका है। धन स्वीकृत होते ही मरम्मत शुरु की जाएगी। रामआशीष,जेई लोक निर्माण विभाग