उन्नाव,संवाददाता,/
हिन्दू-मुस्लिम एकता व साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक एवं सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक तकिया मेले का शुभारम्भ परम्परागत रूप से सूफी संत बाबा मोहब्बत शाह और उनके शिष्य नियामत शाह की मजार पर चादर पोशी और सहस्त्र लिंगेश्वर महादेव मन्दिर मे पूजा अर्चना, शिव आरती एवं जलाभिषेक कर विधायक भगवन्तनगर आशुतोष शुक्ला द्वारा जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे एवं पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ शंकर मीना की उपस्थिति में किया गया।
जनपद के बीघापुर तहसील के पाटन नामक स्थान पर लगने वाला ऐतिहासिक तकिया मेला 28 दिसम्बर 2023 से 14 जनवरी 2024 तक आयोजित किया जायेगा। परम्परागत रूप से इस मेले में मोहब्बत शाह बाबा की मजार पर चादरपोशी व सहस्त्रलिंगेश्वर महादेव मन्दिर में पूजा अर्चना की जाती है। इस मेले में हिन्दू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, इसलिए इस मेले को हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक भी माना जाता है।
डीएम ने मेले में चिकित्सा, पशुपालन, सिंचाई, उद्यान, जैविक खेती सहित विभिन्न विभागों द्वारा लगायी गयी। सरकारी योजनाओं से सम्बन्धित प्रदर्शनी का अवलोकन किया और कहा कि मेले के दौरान इस क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित करने का प्रयास किया जाए। मेले में ऊॅट, घोड़ा, गाय, भैस, बकरी व भेड़ आदि की बड़ी खरीददारी होती है। दूर-दूर से व्यापारी और किसान जानवर खरीदने के लिए यहाॅ आते है। इस मेले का व्यापारिक तौर पर जितना महत्व है, उतना ही ग्रामीणों के लिए मनोरंजन एवं दैनिक कार्यो में प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं के खरीदने की भी उत्तम जगह है। एक तरफ मेला सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है, वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण लोगों की जीविका का भी स्रोत है।
मेला के शुभारम्भ पर विधायक श्री शुक्ला ने कहा कि तकिया मेला धार्मिक संकीर्णता में जकड़े लोगों के लिए सर्वधर्म समभाव का संदेश देता है। हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक यह मेला तकरीबन 400 वर्षो से भी अधिक समय से साम्प्रदायिक सद्भाव की अनवरत ज्योति जलाता चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि इस उन्नाव की धरती पर कभी भी हिंदू मुस्लिम नहीं हुआ है। यह मेला सांप्रदायिक सौहार्द का सबसे बड़ा प्रमाण है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्रीमती दुबे ने कहा कि इस ऐतिहासिक तकिया मेले की मान्यता पूरे प्रदेश व देश में है, यहाॅ गंगा-जमुनी तहज़ीब देखने को मिलती है। एक ओर मजार मे जहाॅ लोग सजदा करते हैं, वहीं दूसरी ओर लोग शिव मन्दिर में माथा टेक कर अपने इष्टदेव की आराधना करते नजर आते हैं। यह एक ऐसा मेला है जहाँ दोनों समुदाय के लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। अगली बार से इस मेले को पंजीकृत मेले के रूप में दर्ज कराया जायेगा जिससे पूरे देश में मेले इसकी ख्याति बढ़ेगी। मेला शुभारंभ पर सूचना विभाग द्वारा पंजीकृत सांस्कृतिक दल, आल्हा गायकों, कठपुतली कलाकार व कव्वालों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गयीं।
इस अवसर पर मेलाधिकारी/उप जिलाधिकारी बीघापुर क्षितिज द्विवेदी, क्षेत्राधिकारी बीघापुर माया राय, तहसीलदार अरसला नाज़ सहित मेला समिति के सदस्य गण, सूचना विभाग द्वारा पंजीकृत सांस्कृतिक दल, आल्हा गायक, कठपुतली कलाकार, कव्वाल आदि उपस्थित रहे।
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January 10, 2024