फतेहपुर/संवाद सूत्र
धोखाधड़ी कर नेपाल की नागरिकता पाने वाले मौलवी फिरोज आलम रिजवी की कुंडली खंगालने के लिए पुलिस की एक टीम नेपाल जाएगी। यह टीम मौलाना के परिवार की जानकारी जुटाने के साथ ही यह भी पता करेगी कि मौलाना के साथ और कौन आया है। गाजीपुर थाना क्षेत्र के मेवाती मोहल्ले में रहने वाले मौलवी फिरोज आलम रिजवी कस्बे की बड़ी मस्जिद के 5 साल से इमाम था। वह करीब 20 साल से जिले में रह रहा था। यहां के पते से निर्वाचन कार्ड, आधार कार्ड और पासपोर्ट तक उसने बनवा लिया था। मस्जिद में इमाम पद से कुछ दिन पहले मौलवी को हटा दिया गया था। इसके बाद मस्जिद कमेटी के सदस्य अब्दुल मजीद की शिकायत पर मौलवी की जांच शुरू हुई तो मामले का खुलासा हुआ।
पुलिस ने अब्दुल मजीद के बयान पर धर्मांतरण का भी मामला मौलवी पर मामला दर्ज किया है। धर्मांतरण किस महिला का कराया गया। इसकी जांच में पुलिस जुटी है। हालांकि पुलिस को धर्मांतरण के मामले में कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस ने मौलाना के दस्तावेज तैयार कराने में सहयोग करने वाले और उसका हर कदम पर साथ देने वाले दो लोगों को चिह्नित किया है। उनका नाम मुकदमे में जल्द बढ़ाया जा सकता हैं।
वही पुलिस की एक टीम नेपाल जाने के लिए गठित की गई है। नेपाल में मौलवी के बारे में पूरी जानकारी करेगी। उसके नेपाल मूल के होने के और दस्तावेज इकट्ठा करेगी। उसके परिवार का भी ब्यौरा एकत्र करेगी। सीओ डीसी मिश्रा ने बताया कि मौलवी की पूरी कुंडली खंगाली जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएगा उसके तहत कार्रवाई होगी।
मौलाना का एक बैंक खाता मिला
मौलाना फिरोज आलम रिजवी का एक बैंक खाता पुलिस को मिला है। जो कस्बे की एक बैंक में है पुलिस को बैंक पासबुक की छानबीन में 20 हजार की एंट्री मिली है। जो काफी पुरानी है। पुलिस बैंक के खाते के बारे में अन्य जानकारियां जुटाने में लगी है।
मौलाना समर्थकों ने मस्जिद में की बैठक
मौलाना को काफी संख्या में लोग धर्मगुरु मानते हैं। मौलाना पर मस्जिद कमेटी के ही लोगों ने बच्चों को भड़काने, धर्म परिवर्तन, जादू टोना कराने, संप्रदाय के बीच भेदभाव फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है। इन बातों को लेकर मौलाना के समर्थकों ने बड़ी मस्जिद में बैठक की। मौलाना समर्थक अरबाज, मोबीन, अल्फाज, फैज, साजिद, मकबूल, मुस्तकीम, मुन्नी, यास्मीन का कहना रहा कि पासपोर्ट बनवाने के पीछे सिर्फ हज यात्रा मौलाना का मकसद बताया। बाकी आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
पासपोर्ट में रिपोर्ट लगाने वालों की आई शामत
मौलवी का पासपोर्ट 11 मार्च 2016 को जारी हुआ था। पासपोर्ट आवेदन के बाद एलआईयू, चौकी, थाना, जान पहचान के लोग व्यक्ति की तस्दीक करते हैं। लंबी जांच के बाद पासपोर्ट जारी होता है। प्रकरण में अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने 2016 का पासपोर्ट रजिस्टर तलब किया है। पासपोर्ट की जांच में रिपोर्ट लगाने वाले सभी पुलिस कर्मियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। मामले की जांच में कई पुलिसकर्मी आ सकते हैं।