फतेहपुर/संवाददाता
धाता पुलिस ने विजय हत्याकांड का मंगलवार को खुलासा किया। आशनाई में युवक की हत्या करने में पुलिस ने महिला समेत चार आरोपियों को जेल भेजा है। अभी शव का सुराग नहीं लग सका है। पुलिस ने सीडीआर और सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाए हैं। धाता के कारीकान छेदी का डेरा निवासी अर्जुन सोनकर के पुत्र विजय सोनकर (23) घर से मेला देखने के लिए 20 अक्तूबर की रात निकला था। उसके बाद लापता हो गया था। पुलिस ने 22 अक्तूबर को अपहरण, हत्या और शव छिपाने का मुकदमा दर्ज किया। मामले में थानाध्यक्ष संजय तिवारी ने राम विलास उर्फ विलोश और उसकी पत्नी किरन, भाई रिंकू सोनकर, गोलू निवासी नारा जिला कौशांबी को गिरफ्तार किया है। राम विलास प्रयागराज के एक व्यक्ति का डंपर चलाता है। उसी डंपर में गोलू खलासी है। पुलिस लाइन में एसपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि राम विलास को विजय और किरन के बीच अवैध संबंध होने का शक था। विजय और किरन के बीच मोबाइल पर बातचीत होने की भनक राम विलास को लग गई थी। राम विलास के कहने पर उसकी पत्नी किरन ने 20 अक्तूबर की रात विजय को फोन कर घर बुलाया था। वहां पर राम विलास ने गोलू के साथ मिलकर विजय की अंगोछे से गला घोंटकर हत्या कर दी। उसके बाद एक बोरे में शव भरकर डंपर में रख प्रयागराज पहुंचा। वहां राम विलास का भाई रिंकू सोनकर मिला। तीनों ने मिलकर प्रयागराज की टोंस नदी में शव को फेंक दिया। पुलिस ने नदी में शव की काफी खोजबीन की लेकिन कोई पता नहीं लगा। आरोपियों को पुलिस रिमांड लेकर फिर शव की खोजबीन करेगी। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त अंगोछा और डंपर बरामद किया है।
हत्यारोपी राम विलास शातिर अपराधी है। उसके खिलाफ थाने में गैंगस्टर, लूट, गुुंडा एक्ट, दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। आरोपी थाने का हिस्ट्रीशीटर है। यह मुकदमे पिछले पांच साल में दर्ज हुए हैं। राम विलास ने पहली पत्नी को छोड़ रखा है। पहली पत्नी से आरोपी का कोई वास्ता नहीं है। उसने दूसरी शादी किरन के साथ की थी। राम विलास और मृतक विजय के बीच पुरानी दोस्ती थी। मृतक विजय के परिजनों ने शव बरामदगी की मांग को लेकर धाता-विजयीपुर मार्ग पर जाम लगा लगा दिया। करीब तीन घंटे तक सड़क जाम रखी। सीओ और एसडीएम के समझाने पर मामला शांत हुआ। पुलिस द्वारा थाने से आरोपियों को मुख्यालय ले जाने की भनक लगते ही विजय की पत्नी गुड़िया उर्फ शिमला, अन्य परिजन व ग्रामीण थाने पहुंच गए। थाने से किसी तरह पुलिस ने उन्हें निकाला। इसके बाद उन्हें थाने के गेट के सामने धाता-विजयीपुर मार्ग जाम कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस चाहती तो शव बरामद हो सकता था, पुलिस ने लेटलतीफी की है। पुलिस बगैर उन्हें जानकारी दिए ही आरोपियों को कोर्ट ले गई। आरोपियों से मृतक के बारे में पूछताछ कर सकते थे। ग्रामीणों ने शव खोजने की मांग की। दोपहर तीन बजे सीओ जीडी मिश्रा और एसडीएम प्रभाकर चतुर्वेदी ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराया।