किशनपुर/फतेहपुर संवाद सूत्र
किशनपुर थाना क्षेत्र में संचालित हो रहे संगोलीपुर मडैयन मोरम खदान में ना तो अभी तक ओवरलोडिंग पर रोक लग सकी है और ना ही किसानों की समस्या का समाधान हो सका है। खनन माफिया पहले से और भी ज्यादा हावी हो गए जो कि ना सिर्फ धड़ल्ले से मोरंग का अवैध खनन करा रहे हैं। बल्कि मोरंग का ओवर लोड परिवहन भी कर रहे हैं। शनिवार को लगातार हो रहे मोरंग के ओवर लोड परिवहन से गुस्साए किसानों ने रास्ते में जाम लगा दिया।
किशनपुर थाना क्षेत्र के संगोलीपुर मडैयन मोरम खदान से निकलते ओवरलोड वाहनों से किसान परेशान हैं। रात दिन मोरंग लदे ओवर लोड वाहनों के फर्राटा भरने सेरास्ते में उड़ती धूल किसानों की फसल बर्बाद कर रही है। वहीं क्षेत्रीय ग्रामीणों के मन मे हर वक्त इन तेज रफ्तार ओवर लोड वाहनों की आवाजाही से सड़क दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है। जिम्मेदार तमाशबीन बने बैठे हैं। जिसको लेकर शनिवार को गुस्साए किसानों ने रास्ते में खदान का रास्ता जाम जाम कर दिया। करीब 2 घंटे तक जाम लगा रहा। किसानों की माने तो उनका आरोप था कि खनन माफिया गुंडई के दम पर हमारी खड़ी फसल से ओवरलोड वाहन निकाल रहे हैं। जिसको लेकर किसान उग्र हो गए। जिन्होंने रास्ते में जाम लगा दिया।जिसकी सूचना खदान संचालक ने स्थानीय पुलिस को दी। तो मौके पर पहुंची पुलिस ने एकतरफा निर्णय लेते हुए लाचार बेबस ग्रामीणों को कानूनी डण्डे का भय दिखाते हुए ग्रामीणों को डरा धमका कर जाम को खुलवा दिया। मालूम हो कि पिछले दिनों भी किसान अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रास्ते में जाम लगा चुके हैं। जो कि अलग-अलग तरीके से क्षेत्रीय रास्तों से मोरंग के ओवर लोड परिवहन का विरोध भी कर चुके हैं। लेकिन खनन माफियाओं पर कार्रवाई करने की बजाय जिम्मेदार विभागीय व तहसील प्रशासनिकों ने उन्हें सिर्फ संरक्षण देने का काम किया है। जिससे किसानों के हौसले टूट गए हैं और अब किसानों को प्रशासन से किसी भी प्रकार के न्याय की उम्मीद नहीं है। विदित हो कि इस मोरम खदान में करीब आधा दर्जन से अधिक बड़ी बूम वाली पोकलैंड मशीनों से खनन कराया जा रहा है। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया में लगातार वायरल हो रहा है। लेकिन जिम्मेदार बेलगाम खदान संचालक को सेटिंग गेटिंग का लाभ देकर वायरल हो रहे मोरंग के अवैध खनन व ओवरलोड परिवहन को भी नजर अंदाज कर रहे हैं। जबकी जिम्मेदारों के आवास के सामने से मोरंग लदे ओवरलोड वाहन दिन रात फर्राटा भर रहे हैं।जिन भी पर कार्रवाई नहीं हो रही है। जिससे स्पष्ट समझ में आता है। कि शायद खनन माफिया से तहसील प्रशासनिकों व विभागीय अधिकारियों की अच्छी खासी मैनेजिंग चल रही है। नतीजतन उपरोक्त खदान में यथा स्थित आज भी बरकरार है। वहीं इस सम्बन्ध में जब उपजिलाधिकारी प्रभाकर त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने मामले से अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि आज किसानों द्वारा लगने वाले जाम की जानकारी उंनको नहीं है। जबकी अवैध खनन की जांच करवा खदान संचालक के खिलाफ कार्यवाही किये जाने व ओवर लोड मोरंग के परिवहन के खिलाफ शीघ्र ही अभियान चलाए जाने की बात कही।
वहीं थाना प्रभारी आशुतोष सिंह ने जबरन किसानों को रास्ते से खदेड़े जाने की बात से स्पष्ट इंकार करते हुए कहा कि किसानों को समझा बुझाकर शांत करवा जाम खुलवाया गया है। उनकी समस्या के समाधान कराये जाने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है।