फतेहपुर संवाददाता
यूं तो पूरा सावन माह को ही भगवान शिव का महीना माना जाता है लेकिन इस महीने में सोमवार का विशेष महत्व है इस मौके पर भक्त शिव मंदिर में जाकर जल अभिषेक कर भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं लेकिन कुछ ऐसे ही मंदिर हैं जहां भोलेनाथ खुद विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देते हैं और उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। फतेहपुर में गाजीपुर असोथर रोड में स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर जागेश्वर धाम भी आती पौराणिक महत्व का मंदिर है। कहा जाता है कि यहां विराजमान भगवान शिव भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं इसलिए सावन माह में यहां भक्तों का तांता लगा रहता है पहले सोमवार को यहां सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है चारों तरफ बम बम भोले के जयकारों से पूरा माहौल शिवमय हुआ है।
जनपद मुख्यालय से 25 किलोमीटर गाजीपुर असोथर रोड पर स्थित यह मंदिर काफी आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व का है यह मंदिर महाभारत कालीन बताया जाता है इस मंदिर की शिवलिंग की स्थापना महाभारत के अर्जुन ने की थी ऐसा माना जाता है।
इस मंदिर की कई आध्यात्मिक विशेषताएं हैं
लोगों से बातचीत करते हुए मंदिर की देखरेख करने वाले राजेश गोस्वामी ने बताया कि कभी यहां बहुत बड़ा और घना जंगल हुआ करता था स्थानीय लोग यहां अपने जानवरों को चलाते थे यहां मौजूद शिवलिंग को लोग पहले महज एक पत्थर समझते थे धीरे-धीरे लोगों को यह पता लगा कि यह तो पताल से निकली हुई मूर्ति शिवलिंग है तो लोगों उसकी पूजा करने लगे।
जब इस शिवलिंग की जानकारी असोथर के तत्कालीन राजा को हुई तो उन्होंने इस शिवलिंग को खुदवा करा असोथर ले जाना चाहा और शिवलिंग को निकलवाने के लिए मूर्ति में लोहे की जंजीरों को बंधवा कर हाथियों से खिंचवाया लेकिन मूर्ति अपनी जगह से टस से मस नहीं हुई और थक हार कर राजा वापस लौट गए लौटते समय शिवलिंग को खींचने वाले हाथी की रास्ते में ही मौत हो गई।
इस शिवलिंग की महिमा को देखकर भागलपुर के एक व्यापारी ने इस मंदिर का निर्माण लगभग 125 वर्ष पहले करवाया था लोगों ने बताया कि प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि में मौके पर इस मंदिर में मेला मेला लगता है जो कि 15 दिनों तक लगातार चलता है लोगों का कहना है कि यहां बड़ी संख्या में शिव भक्त आते हैं माना जाता है कि यहां मन से शिव की पूजा अर्चना करने वालों की भगवान भोलेनाथ हर मुराद पूरी करते हैं।