हुसैनगंज,फतेहपुर,संवाददाता,/
फतेहपुर जिले के हुसैनगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दोनों दो महिला डॉक्टर सहित चार पुरुष डॉक्टर की है पोस्टिंग जिसमें एक आयुर्वेदिक चिकित्सक और तीन एमबीबीएस डॉक्टरों की है। पोस्टिंग इन डॉक्टरों का काम है कि बाहर से आए हुए मरीजों को एक दो दवाए अंदर से बाकी सब एक पर्ची में बाहर से लिख दी जाती है महंगी दवाई और साथ में यह भी बताया जाता है कि किस मेडिकल स्टोर से दवा लेनी है मरीज को सीधे पहले मेडिकल स्टोर से दवा लेने के लिए कहा जाता है। अगर कोई मरीज अपनी परिचित के मेडिकल स्टोर से दवा ले आता है तो दिखाने पर डॉक्टर उन दवाओ को वापस करवा देते है और फिर पहले मेडिकल स्टोर से दवा लेने की बात कहते है उन दवाओ पर भारी भरकम कमीशन होता है जिससे मेडिकल स्टोर संचालक सहित डॉक्टरों का भी मुनाफा होता है। इसी अस्पताल में पूर्व में बाहर से दवाओ के लिखने के कारण ग्रामीणों ने इसका काफी विरोध किया था जिस पर काफी बवाल मचा था। दो फार्मासिस्टों का भी इस अस्पताल से तबादला हो चुका सूत्रों की माने तो कुछ दबंगों द्वारा इन डॉक्टरों को संरक्षण प्राप्त हुआ है शिकायतें होने के बावजूद भी डॉक्टर नहीं आते हैं डॉक्टर कमलेश कुमार पिछले 11 वर्षों से इसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जमे हुए हैं जिससे उनके हौसले और बुलंद है। कई बार उनकी शिकायतें जिलाधिकारी फतेहपुर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी फतेहपुर से भी ग्रामीणों ने की है लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है दो प्राइवेट आदमी भी लगा रखे हैं जिनसे अपने अवैध कार्य करवाते है। अधीक्षक कैंटीन के नाम पर कुछ भी नहीं मिलता है प्रसव होने वाली महिलाओं को केवल खानापूर्ति की जाती है। सही तरीके से अगर उच्च अधिकारियों द्वारा इसकी जांच कराई जाए तो कितनी महिलाओं को खाना दूध फल चाय आदि मिला है कि नहीं तो इसकी पोल खुल जाएगी पिछले दो महीने से प्रसव होने वाली महिलाओं द्वारा यह बताया गया है कि हमको किसी प्रकार का फल दूध खाना नहीं मिला है और वहां पर प्रसव होने के बाद मौजूद स्टाफ द्वारा धन की उगाही भी की जाती है। इसकी शिकायत कई बार अधीक्षक से भी की गई है लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है यहां तो वही कहावत चरितार्थ है कि,जब सैंया भैय कोतवाल तो डर काहे का, इससे पता चलता है कि कहीं ना कहीं सिस्टम सबका बराबर है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हुसैनगंज में देखा जाए तो अधीक्षक और अन्य स्टाफ का तबादला किया जाना आवश्यक है। लोग अब इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करेंगे, सरकार में जहां सरकार एक और गरीब आशा है लोगों के लिए स्वास्थ्य से संबंधित कई योजनाएं चल रही हैं। जिससे उनका भला हो सके वही इन डॉक्टरों द्वारा उनका शोषण किया जा रहा है जिसकी शिकायत जितेंद्र प्रताप सिंह,राजू सिंह, महेंद्र कुमार द्वारा जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री से की जाएगी।