झारखंड/संवाददाता,/
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का पहल काम आया हैं, राज्य को मेडिकल हब बनाने के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया गया है। झारखण्ड राज्य के अन्तर्गत चिकित्सा महाविद्यालय, पारामेडिकल, फार्मसी, होमियोपैथी, यूनानी चिकित्सा पद्धति, आयुर्वेदिक संस्थानों में स्वास्थ्य चिकित्सा से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है, जो राज्य में स्थापित विभिन्न विश्वविद्यालय तथा झारखण्ड राज्य पारामेडिकल, नर्सिंग एवं फार्मेसी कॉन्सिल से संबद्ध है।
राज्य में स्वास्थ्य विज्ञान से संबंधित विश्वविद्यालय अलग से स्थापित नहीं है, जिसके फलस्वरूप स्वास्थ्य विज्ञान से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों को सुचारू एवं समयबद्ध तरीके से संचालित करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है तथा इस क्षेत्र में शोध कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं हो पा रही है। देश के कई राज्यों में यथा-बिहार, राजस्थान एवं अन्य राज्यों में स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय स्थापित है।
राज्य में स्वास्थ्य से संबंधित शिक्षा को अधिक गुणवत्ता पूर्ण बनाने में तथा इस क्षेत्र में शोध कार्य को और अधिक सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करने के उद्देश्य से झारखण्ड राज्य में भी अन्य राज्यों के भाँति स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की आवश्यकता है।
अब झारखंड में स्वास्थ्य विज्ञान के विषयो पर राज्य के छात्रों को अध्ययन के लिए बाहर नही जाने पड़ेगा और स्वास्थ्य संबंधित विषयों पर शोध कार्य भी हों सकेंगे, जिसका दूरगामी सक्रतामक प्रभाव राज्य पर पड़ेगा।
झारखण्ड स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक, 2023 को झारखंड विधानसभा से स्वीकृति मिल गई है।
कुलपति कार्यकारिणी परिषद के अध्यक्ष हो उद्देश्य एवं हेतु
स्वास्थ्य विज्ञान की व्यावसायिक शिक्षा के पारम्परिक एवं नये क्षेत्रों में आधुनिक चिकित्सा प्रणाली, आयुष चिकित्सा प्रणाली, नर्सिंग शिक्षा, फार्मेसी शिक्षा, दन्त चिकित्सा शिक्षा, प्रयोगशाला तकनीकी शिक्षा फिजियोथरेपी एवं आकुपेशनल थरेपी स्पीच थरेपी एवं अन्य पारामेडिकल पाठ्यक्रम में शिक्षा एवं अन्तर अनुशासन क्षेत्रों यथा स्वास्थ्य अर्थशास्त्र, स्वास्थ्य प्रशासन इत्यादि में सम्बद्धता शिक्षण एवं उपयुक्त तथा व्यवस्थित निर्देश, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान सुनिश्चित करने के प्रयोजन से सरकार द्वारा स्थापित संस्थाओं तथा राज्य सरकार और ट्रस्ट या सोसाईटी द्वारा स्थापित स्वायत्तशासी संस्थाओं के संचालन एवं सम्बद्धता को सुगम बनाने हेतु झारखण्ड स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय स्थापित एवं नियमित करने की आवश्यकता है।
साथ ही शिक्षकों एवं छात्रों के लिए अकादमिक स्वतंत्रता एवं छात्रवृत्ति को संप्रवर्तित करने तथा था तो स्वतंत्र रूप से या उत्कृष्ट उच्चतर विद्या के अन्य केन्द्रों के साथ संयुक्त रूप से, छात्रवृत्ति एवं उत्कृष्टता प्राप्त करने हेतु साधक बौद्धिक वातावरण को पोषित एवं विकसित करने के उद्देश्य से एक विशिष्ट स्वायत्त संस्थान की स्थापना वांछनीय है, इस निमित्त यह विधयेक प्रस्तावित है।