फतेहपुर/संवाददाता,
अपर जिला सत्र न्यायालय कोर्ट नं. तृतीय की अदालत के विद्वान न्यायाधीश ने बुधवार को बलात्कार के बाद गला दबा कर हत्या का शव को पेड़ पर लटकाने के मामले में अंतिम फैसला सुनाते हुये आरोपी के सहयोगी माता-पिता व भाई को आजीवन कारावास तथा 75 हजार रुपये का अर्थदण्ड की सजा सुनाई। मुख्य आरोपी का नाबालिग होने के कारण फिलहाल जुबिनाईल कोर्ट में मुकदमा विचाराधीन है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कल्पना पाण्डेय ने बताया कि घटना 16 फरवरी 2012 की सांय करीब चार बजे गांव इकौनागढ़ थाना सुल्तानपुर घोष की है। वादी की 15 वर्षीय पुत्री घटना के दिन खेत में घास काटने गई थी। वहां पहले से ही गांव का संजय मौजूद था। उसने बेटी के साथ दुष्कर्म किया। बेटी ने घर आकर अपनी छोटी बहनों को घटना की पूरी बात बताई। पीछे से आरोपी संजय का भाई करन उर्फ अजय, मां शांती व पिता ओम प्रकाश घर आ धमके और बहनो के सामने पीड़िता को मारते हुये दौड़ा कर जंगल ले गये, जहां गला दबा कर हत्या करके शव को पेड से लटका दिया। घटना के समय मृतका के माता-पिता तरबूज के खेत में थे। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि मामले की सुनवाई के दौरान सात गवाह पेश हुये। विद्वान न्यायाधीश अखिलेश कुमार पाण्डेय ने गवाहों के बयान, पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अभियोजन एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं को सुनने के बाद अपनी अंतिम सुनवाई में अजय, शांती और ओम प्रकाश को आजीवन कारावास की सजा के साथ प्रत्येक को 25-25 हजार रुपये का अर्थदण्ड की सजा का फैसला सुनाया।