घाटमपुर/कानपुर,
“घाटमपुर की जनता मेरा परिवार है और अंतिम सांस तक इनको नहीं छोड़ूगी” यह बात जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण ने अपनी मां पूर्व कैबिनेट मंत्री कमलरानी वरुण की दूसरी पुण्यतिथि पर भावुक होकर कही। मंगलवार को उनकी याद में नगर के एक गेस्टहाउस में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भाजपा के कई विधायक और पदाधिकारियों ने शिरकत की।
जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने अपने संबोधन में पूर्व मंत्री को याद करते हुए बताया कि कोरोना काल में जब उनका देहांत हुआ तो वह बांदा में एक कार्यकर्ता के घर में थे। टीवी पर उनके देहांत की खबर आई। कार्यकर्ता ने बताया कि एक बार उनके परिवार के सदस्य का कानपुर के एलएलआर अस्पताल में देहांत हुआ था तब कमलरानी वरुण ने बिना पहचान के उनकी मदद की थी।
गोविंदपुरी से विधायक सुरेंद्र मैथानी ने भी उन्हें याद करते हुए कहा कि कमलरानी वरुण ने उन्हें राजनीति भी सिखाई और उनके लिए प्रचार भी किया। विधायक सरोज कुरील ने बताया कि जब वह कमलरानी वरुण से चुनाव हारीं तो सबसे पहले उन्होंने ही आकर हिम्मत बंधाई। वह हमेशा से बड़ी बहन के तौर पर सलाह देती रहीं, आज उन्हीं के आशीर्वाद से वह विधायक बनी हैं। कार्यक्रम में कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, एमएलसी अरुण पाठक, बिल्हौर विधायक राहुल बच्चा सोनकर, बालचंद्र मिश्रा, आनंद सिंह, शैलेंद्र दीक्षित, विकास सिंह भोले आदि ने भी संबोधित किया।
जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण मां कमलरानी वरुण की याद में भावुक नजर आईं और कई बार रो पड़ीं। उन्होंने कहा कि घाटमपुर की जनता उनका परिवार है। यहां लोग उनकी मां को बुआ और बहन बुलाते थे। वह भी यहां लोगों को मामा ही कहती हैं। कहा कि आप सभी अपना आशीर्वाद यूं ही मुझ पर बनाए रखें ताकि मैं मां के सपनों को पूरा कर सकूं। उन्होंने कहा कि अंतिम सांस तक वह घाटमपुर नहीं छोड़ेंगीं। बता दें कि योगी की पहली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं कमलरानी वरुण का दो अगस्त 2020 में कोरोना से निधन हो गया था।
बोलने को नहीं मिला,नाराज हो गए मंत्री राकेश सचान
कार्यक्रम जब लगभग समापन की ओर था तभी कैबिनेट मंत्री राकेश सचान पहुंचे। स्वप्निल वरुण अपना संबोधन देकर बैठी ही थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृष्ण मुरारी शुक्ला ने इसी दौरान समापन की घोषणा कर दी। कैबिनेट मंत्री को बोलने का मौका नहीं मिला और वे नाराज हो गए। तुरंत कुर्सी छोड़कर चल दिए। स्वप्निल वरुण समेत तमाम भाजपा पदाधिकारियों ने उन्हें मनाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। उनका कहना था कि वे प्रोटोकाल के साथ ही आए थे साथ ही रास्ते से अपडेट भी दिया कि कब तक पहुंचेंगे। इसके बावजूद कार्यक्रम का समापन कर दिया गया।
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