फतेहपुर संवाददाता
कवि अनिल श्रीवास्तव ने पढ़ा शोले बरसते, वतन जल रहा है, धुआं छा गया है, चमन जल रहा है जैसी कवियों की रसधार से रविवार को शैलेंद्र साहित्य सरोवर की काव्य गोष्ठी सराबोर रही। तीसरे विश्व युद्ध की संभावनाओं पर बल देते हुए कवियों ने कविता पाठ किया।केपी सिंह कछवाह ने वाणी वंदना के बाद पढ़ा श्रम से हो जीवन सुखी, जीने का आधार खूब सराही गई। शिव सागर साहू ने पढ़ा प्रबल प्रचंड प्रहार से, कांप उठा यूक्रेन, रात दिवस साइरन बजे, कबहुं न पावे चैन। अनिल तिवारी ने पढ़ा फंसे हुए जो नागरिक, युद्ध भूमि के बीच, पहुंचाया निज देश में प्रेम सुधा से सींच। रवींद्र तिवारी ने पढ़ा शांत हो गए सभी दल, हो गया खतम चुनाव, गुण गणित अब लग रही, नगर मुहल्ले गांव। दिनेश श्रीवास्तव ने पढ़ा रक्षार्थ श्रीजनक सुता के, रावण से टकराया था। आयोजक शैलेंद्र द्विवेदी ने पढ़ा रूस और यूक्रेन का, चलता रण घनघोर, धीरे धीरे बढ़ रहा, विश्व युद्ध की ओर। अंत में मंदिर के महंत ने सभी को आशीर्वाद दिया।