फतेहपुर/संवाददाता,
शहर में सट्टे का कारोबार दिन प्रतिदिन परवान चढ़ता चला जा रहा है। सदर कोतवाली पुलिस पूरी तरह से मूकदर्शक बनी हुई है। सट्टे के कारोबार से जुड़े लोग जहां दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं और लाखों रुपए का प्रतिदिन वारे न्यारे कर मालामाल होते जा रहे हैं, वही 10 रूपये के बदले आठ सौ व 15 रूपये के बदले 12 सौ रुपए मिलने के लालच में युवा पीढ़ी बर्बाद होती जा रही है। इस सट्टा कारोबार के लालच में आकर केवल युवा पीढ़ी ही बर्बाद नहीं हो रही, बल्कि नाबालिक भी जमकर दाँव लगा रहे हैं। सबसे सोचनीय बात ये है की जब सट्टे का कारोबार इतनी तेजी के साथ खुलेआम फल फूल रहा है। तो ऐसे में पुलिस को इसकी भनक कैसे नहीं लगती समझ से परे है। बुधवार को सूचना मिलने पर पत्रकारों की एक टीम सट्टे की पर्ची काट रहे लोगों के पास पहुंची और उनसे जब दाँव लगाने के लिए कहा तो एक राजू नाम के कोड वर्ड का प्रयोग करते हुए गाजियाबाद नाम से दो पर्चीया काटी गई। जिनमें क्रमश: 55, 65, 75 व 85 नंबर पर दांव लगाया गया। इसी प्रकार दूसरी पर्ची में 77,88 नंबर पर दांव लगाया गया। कुल मिलाकर शहर क्षेत्र में जिस तरह से सट्टे का कारोबार फल-फूल रहा है। वह आने वाले समय के लिए घातक होगा और अगर इसमें युवा पीढ़ी का रुझान बढ़ा तो आने वाला समय पुलिस प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।