फतेहपुर। विकासशील और पिछड़े हुए देशो में युवाओं का बेरोजगार होना एक बड़ी चिंता की बात होती है। बेरोजगारी के कारण युवाओं को अपनी क्षमता से कम स्किल वाले रोजगार के कार्य करना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए श्रीलंका की पहल पर नवम्बर 2014 की संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। यह दिवस युवाओं को कौशल विकास में निवेश के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये मनाया जाता है। कौशल विकास योजना भारत सरकार द्वारा 15 जुलाई 2015 को प्रथम बार शुरू किया गया। इस योजना में तीन माह, छह माह और एक साल के लिए जन शिक्षण संस्थान में रजिस्टेªशन होता है। इसके तहत लाभार्थियों को सार्टिफिकेट दिया जाता है। यह प्रमाणपत्र पूरे देश में मान्य होता है, जिससे रोजगार प्राप्त किया जा सके। युवाओं के कौशल पर इस तरह जोर दिया जाता है, ताकि उन्हें रोजगार मिल सके। और उद्यमिता में सुधार हो सके। परम्परा सम्बधित सभी विषयों के लिये प्रषिक्षण जैसे सिलाई, कढ़ाई, ब्यूूटीपार्लर, बढ़ई, मोची, वेल्डर, राजमिस्त्री, दर्जी, बुनकर इत्यादि को आर्थिक समर्थन एवं भागीदारी प्रदान किया जा रहा है।
उक्त बातें विश्व युवा कौशल दिवस के उपलक्ष्य में जन षिक्षण संस्थान फतेहपुर के निदेशक विजय कुमार श्रीवास्तव ने शहर के संत निरंकारी इण्टरमीडिएट कालेज मे आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये। संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में संत निरंकारी इण्टरमीडिएट कॉलेज की प्रधानाचार्या श्रीमती प्रियंका जायसवाल ने अपने सम्बोधनमें बच्चों को अपनी-अपनी प्रतिभा को पहचानने तथा उनमें निखार हेतु जन शिक्षण संस्थान में समन्वय स्थापित करने की सलाह दिया।
कार्यक्रम के अगले चरण में संस्थान द्वारा अपने मुख्यालय पर कौशल संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके अन्तर्गत संसथान के पूूर्व प्रशिक्षार्थियों ने भाग लिया। अपने-अपने द्वारा सीखे गये कौशल में निखार लाने के लिए कियेे गये उपायों पर चर्चा्र किये। तत्पष्चात लाभार्थियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किये गये। उक्त कार्यक्रम में संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी श्री कैलाश सिंह, चन्द्रशेखर, आराधना यादव, रीतारानी आदि उपस्थित रहीं।
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December 6, 2023