लखनऊ, संवाददाता,/
नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में सोमवार को हिप्पो ने सफाई कर्मचारी पर हमला कर दिया, इससे उनकी मौके पर हो गई। सूरज हिप्पो के बाड़े में सफाई करने गया था। यह हिप्पो हाल ही में कानपुर प्राणि उद्यान से लखनऊ चिड़ियाघर लाया गया था।
चिड़ियाघर कर्मचारियों के अनुसार, सूरज प्रतिदिन हिप्पो के बाड़े में सफाई करने जाता था। सोमवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे भी वह सफाई करके निकल रहा था, तभी हिप्पो ने उन पर हमला कर दिया। हिप्पो शाकाहारी जानवर होता है। इस तरह के हमले की आशंका आमतौर पर नहीं रहती है।
सूरज करीब 12 साल से चिड़ियाघर में सफाई का काम करता था। वह अनुभवी था। वन्यजीवों के व्यवहार बखूबी परिचित भी था, लेकिन सोमवार को अचानक हिप्पो को न जाने क्या हो गया, उसने सूरज को पटक दिया। हिप्पो के दवाब से सूरज की जान चली गई। सूरज को प्राणि उद्यान से 55 सौ रुपये मानदेय मिलता था। सूरज कैंपवेल रोड बरौरा थाना ठाकुरगंज का निवासी था। उनके परिवार एक बेटा एक बेटी व पत्नी हैं।
पहले भी हमला कर चुका है हिप्पो
चिड़ियाघर में पहले भी इस तरह की वारदात हो चुकी है। यहां के कर्मचारी राजू पर भी हिप्पो ने हमला किया था। परिवारीजन का आरोप है कि हिप्पो ने पूर्व में भी हमला किया था, फिर भी सूरज को बाड़े में भेजा गया।
घटना के बाद मृतक सूरज के परिवारीजन का रो-रो कर बुरा हाल है। प्राणि उद्यान की निदेशक अदिति सिंह मौके पर पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि अभी सूरज के परिवारजन को संभाल लें। घटना की जांच कराई जाएगी।
लोहित के हमले में गई थी डा. दास की जान
बताया जाता है कि गेंडा लोहित और डा.रामकृष्ण दास की अच्छी दोस्ती थी। डा. दास बिना डरे ही उसके बाड़े में चले जाते थे और पास खड़ा गेंडा भी शांत खड़ा रहता था। कीपर बताते थे कि हिंसक प्रवृत्ति होने के बाद भी लोहित को डा.रामकृष्ण दास छू भी लेते थे। सब कुछ सही चल रहा था और अन्य दिनों की तरह डा. दास 15 मार्च 1995 को गेंडा के बाड़े में गए थे। वह उसकी तरफ बढ़ ही रहे थे कि गेंडे के चेहरे पर गुस्सा दिखने लगा।
बस, उसके एक हमले से डा. दास ऐसा गिरे कि फिर उठ नहीं पाए। इसके बाद लोहित देश-दुनिया में चर्चा में आ गया और उसे देखने के लिए भीड़ जुटने लगी। वह जब तक जीवित था, हर कोई उसे देखने के बाद अतीत में खो जाता था कि यही डा.रामकृष्ण दास को मारने वाला लोहित है।
Related Stories
March 30, 2024
February 5, 2024