मलवा/फतेहपुर,/
तड़का लगाना हो चाहे सलाद खाना हो यदि रसोई मे टमाटर नही है तो स्वाद अधूरा हो जाता है। लेकिन करे भी क्या अब आसमान छूती कीमते जेब झुलसाने लगी है। तो अब टमाटर आहार भूल जाईये। बाजार मे टमाटर की भारी कीमतों की जानकारी से मलवा विकास खंड के शाहजहापुर के किसान बेहाल हो गए है। तेवर दिखाते हुए टमाटर भले लाल हो गया है लेकिन किसान खुशहाल नही है। अचानक से आसमान छूने लगी टमाटर की कीमतों ने केवल आमआदमी ही नही बल्कि हर वर्ग के लोगो को परेशान कर दिया है। शाहजहापुर(मझिलेगांव) के किसान सब्जी उत्पादन के क्षेत्र मे प्रदेश की नामी मंडियों मे शुमार है। टमाटर, फूलगोभी, पत्तागोभी, बैंगन, मिर्च, शिमला मिर्च आदि का अच्छा खासा उत्पादन होता है। गाँव के नब्बे प्रतिशत लोगो का मुख्य व्यवसाय कृषि है। इस बार भी टमाटर की खेती की गई थी। जब टमाटर का अच्छा दाम मिलता है। तब 50 से 80 रुपये कैरेट तक बिका। खुदरा बाजार मे 2 से 3 रुपये किलो तक ही टमाटर बिकता रहा है। जिससे यहाँ टमाटर की खेती करने वाले अधिकांश किसानो ने बीच मे ही टमाटर की फसल को खेतो मे ही जुतवा दिया या नहर किनारे फेक दिया। कई किसानो जी खेत मे अभी भी फसल की उजाड़ स्थिति को बया कर रही है। किसान आने वाली फसल गोभी एवं धान की नर्सरी की तैयारी मे लगके खेत तैयार करने लगे। टमाटर के अच्छे दाम न मिलने से यहां के किसान मायूस भी रहे वही अब बाजार मे टमाटर की कीमतो मे आये उछाल से किसानी की खुद जेब झुलस रही है।
किसानो की जुबानी
टमाटर की खेती करने वाले किसान मनीष उत्तम, भारत भूषण पाठक, गौरव तिवारी, संजय उत्तम,शीलू आदि ने बताया अब तो टमाटर का उजाड़ है। इस बार 2 से 3 रुपये किलो मे तो टमाटर बिका है तो क्या करते खेतो मे ही जुतवा दिया। अब तो खुद टमाटर खरीद के नही खा सकते है।
दो दिनों मे कीमत हो गई दुगनी
पिछले मार्केट भाव से इस बार अधिक मात्रा मे खेती की गई। शाहजहांपुर के किसान टमाटर की खेती करके अच्छा लाभ इस बार तो नहीं कमा पाए है जिससे किसान बेहाल है। खुदरा बाजार में टमाटर की कीमतें 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है जबकि थोक कीमतें 65 से 70 रूपये प्रति किलोग्राम हो गई है।
कीमते बढने का यह है कारण
देश के अधिकांश हिस्सों में उच्च तापमान कम उत्पादन और देरी पर हुई बारिश को माना जा सकता है। मध्य प्रदेश, हरियाणा राज्यों से टमाटर की आपूर्ति कम हो गई है। बेंगलुरु से टमाटर आने पर देरी हो रही है जिससे बाजारों में कीमते दुगुना हो गई हैं।