फतेहपुर/खागा
झोलाछाप के इलाज से बच्ची की जान खतरे में पड़ गई। बच्ची के गले में निकले फोड़े का ऑपरेशन कर डाला। हालत गंभीर होने पर परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टर ने कानपुर के हैलट अस्पताल रेफर किया है। खागा कोतवाली क्षेत्र के बबुल्लापुर गांव निवासी अशोक को आंखों से काफी कम दिखाई देता है। उनकी एक वर्षीय पुत्री रागनी के गले में फोड़ा हो गया था। वह पत्नी रेखा के साथ बच्ची को लेकर दो दिन पहले डॉक्टर को दिखाने हरदों सीएचसी जा रहा था।
हरदों में ही झोलाछाप क्लीनिक संचालक ने उन्हें रोक लिया। रेखा ने बताया कि क्लीनिक संचालक ने आश्वासन दिया कि उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। बहुत कम पैसे में ठीक कर देगा। दंपती झोलाछाप के बहकावे में आ गए। झोलाछाप ने मासूम गले का ऑपरेशन कर दिया।
ड्रेसिंग और इलाज के नाम पर वसूली
इसके बाद ड्रेसिंग और इलाज के नाम पर परिजनों की जेब ढीली की। बच्ची की तबीयत सुधरने के बजाए बिगड़ती चली गई। मां और पिता उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टर ने बच्ची की हालत गंभीर देख कानपुर रेफर कर दिया। इसके बाद दोनों आनन फानन कानपुर के लिए निकले।