फतेहपुर/संवाददाता,/
गत दिवस फतेहपुर प्रेक्षागृह में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें कार्डधारियों को केवल इसलिए बुलाया गया कि उन्हें राशन कार्ड के खाली कैरी बैग का वितरण किया जाना था। भाजपा नेताओं की मौजूदगी में हुए इस कार्यक्रम के बाद कोटेदारों के माध्यम से 5 लाख से अधिक अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी के कार्डधारियों तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घर-घर तक पहुंचाने की योजना है। सत्ता के खेल में सातवें आसमान में चल रही भाजपा भले ही मिशन-2024 को लेकर 400 के पार का नारा दे रही हो लेकिन लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लगने का भय ही है कि कैरी बैगों का वितरण किया जा रहा है। विकसित भारत संकल्प के साथ लोगों के लिए जनकल्याणकारी एवं विकासकारी असंख्य योजनाओं की झड़ी लगी है। भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन, सुशासन, गुंडाराज के खात्में एवं विकास की बात करने वाली भाजपा को आखिर इतनी बेचैनी एवं भय किस बात का है कि मोदी की गारंटी वाले खाली झोले लोगों तक पहुंचाने पड़ रहे हैं।
लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू है। राजनीतिक दलों के शुरू दांव पेंच में भारतीय जनता पार्टी नित नए गुल खिलाती नजर आ रही है। घर-घर लोगों तक पहुंचने की हर कवायद की जा रही है जिससे प्रधानमंत्री मोदी का जुनून लोगों में चढ़ा रहे।फिर उसके लिए चाहे जो कुछ करना पड़े। टीवी चैनलों से लेकर अखबारों के पन्ने प्रचार सामग्री से हर दिन पटे हैं। सत्तारुढ नेता विकास की बातें कर रहे हैं। यह बात सही है कि बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, सुरक्षा, रोजगार सहित देश को आगे ले जाने की अनगिनत घोषणाएं एवं योजनाएं संचालित हैं लेकिन हकीकत में क्या इन पर अमल जमीनी स्तर पर हो रहा है इसे देखने वाला कोई नहीं है। आमजन की बेहाली एवं बदहाली किसी से छिपी नहीं है जब विकास इतनी तेजी से हो रहा है। भ्रष्टाचार की आहुति हो ‘राम-राज’ की स्थापना हो चुकी है तो फिर ऐसी जल्दबाजी का क्या मतलब कि पार्टी के बड़े नेताओं को कार्यक्रम आयोजित कर घर-घर खाली झोले पहुंचाने की जरूरत आन पड़ी है। हो न हो जमीनी हकीकत से पार्टी के नेता भी अनजान न हों और इसी के चलते प्रचार करने के लिए इतने नीचे स्तर तक जाना पड़ रहा है।
हो कुछ भी लेकिन बात बिल्कुल साफ है कि एक बार फिर चुनाव मुद्दों से हटकर धर्म एवं जाति के आधार पर ही फतेहपुर जिले में लड़ने की तैयारी राजनीतिक पार्टियां कर रही हैं। भाजपा ने लोकसभा से दो बार की सांसद साध्वी निरंजन ज्योति को तीसरी बार भी अपना प्रत्याशी बनाया है। सपा कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी की घोषणा अभी नहीं हुई है। बसपा साइलेंट मोड में है तो इस बड़े चुनाव में छोटे एवं निर्दल प्रत्याशियों के बारे में चर्चा करना उचित प्रतीत नहीं होता। केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगीं तो विपक्ष भी उन्हें घेरने की हर जुगत-जुगाड लगाएगा। सफलता कितनी मिलती है ये तो समय बताएगा लेकिन मोदी के जुनून को भाजपा आम लोगों के सिर पर चढ़ाने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है जिससे मोदी की गारंटी के सहारे ‘मिशन-400’ के पार का आंकड़ा भाजपा पा सके।