असोथर/फतेहपुर,ब्यूरो
एक ओर देश में बढ़ रहें रिकॉर्ड कोरोना संक्रमण से लोग डरें व सहमे हुए हैं, सोमवार 26 अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की वोटिंग के दिन ही असोथर कस्बें में एक साथ आधा दर्जन लोगों की मौत से कस्बावासी सहम गए हैं। कस्बें में हुई मौतों में अधिकतर एक ही सिम्टम्स रहा एक दो से आये वायरल फीवर चपेट में आने के बाद आकस्मिक हो रही मौतों से असोथर नगर पंचायत के बाशिंदों में डर और भय का माहौल व्याप्त हैं। क्या गरीब क्या अमीर सब को चपेट में ले रही रहस्यमय संक्रमण की बीमारी कस्बें में सोमवार को सर्वोदय इंटर कॉलेज के पूर्व वरिष्ठ अध्यापक राजकिशोर पाठक जी उम्र 60 वर्ष की वायरल फीवर आने से आकस्मिक मौत हो गई। असोथर की प्रमुख बाजार में आज वायरल फीवर व सांस लेने में दिक्कत होने व ऑक्सीजन/वेल्टीनेटर न मिलने व्यापारी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जाने मानें दुकानदार कृष्णकुमार वर्मा उम्र 55 वर्ष की मृत्यु हो गई, जिससे सहमकर अधिकतर बाजार के व्यापारी अपनी दुकानें प्रतिष्ठानों को बंद किए रहें, कई व्यापारियों का कहना है कि जब तक स्थिति असोथर में स्थित सामान्य नहीं हो जाती वह अपने प्रतिष्ठान अपनी स्वेच्छा से बंद किये रहेंगे। राजभवन असोथर में दुख: का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा एक सप्ताह पूर्व पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुंवर बृजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ बेटू सिंह के छोटे भाई कुंवर माधवेंद्र सिंह (नितिन) उम्र 31 वर्ष की आकस्मिक मौत से राजभवन का शोक कम नहीं हुआ था कि सोमवार सुबह बेटू सिंह माता पूर्णिमा सिंह जी उम्र 60 वर्ष की आकस्मिक मृत्यु हो गई ……
असोथर सहित क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह में एक दर्जन से अधिक आकस्मिक मौतों से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।
झोलाछाप और मेडिकल स्टोर संचालकों के भरोसे आम लोगों की जिंदगी
असोथर कस्बें के विकासखंड परिसर में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व कस्बें से एक किलोमीटर दूर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायं खालिस की स्वास्थ्य सेवाएं फिलहाल राम भरोसे ही चल रही हैं। दोनों ही स्वास्थ्य केंद्रों में न तो प्रभारी डॉक्टर ओपीडी में मरीज देखते हैं न अपनी जिम्मेदारी
असोथर कस्बें की पीएचसी ओपीडी कस्बें के ही रहने वाले एक आयुष फार्मासिस्ट के भरोसे ही चल रही हैं। पीएचसी में तैनात डॉक्टर उपेंद्र कुशवाहा न तो पीएचसी में कोरोना संक्रमण के डर के कारण अस्पताल आने वाले मरीजों को नहीं देखतें, उल्टे फार्मासिस्ट से दवा दिलवा कर मरीजों को चलता करतें हैं। तैनात फार्मासिस्ट की इस समय बल्ले-बल्ले हैं क्योंकि वह सरकारी दवाओं से अधिक मरीजों को प्राइवेट दवाओं को लिखता हैं ताकि उन महंगी दवाओं से उसे व डॉक्टर को एक तय कमीशन मिल सकें।
वायरल फीवर व जुखाम के मरीजों की न तो असोथर के सरकारी अस्पताल में कोरोना संक्रमण की जांच की जा रही हैं, न ही कोई उपचार ……
असोथर क्षेत्र में इन दिनों गांव-गांव में फैली गंदगी से मलेरिया, टायफाइड व अन्य फीवर की चपेट में लोग हैं, पर स्वास्थ्य विभाग अभी कुम्भकर्णी नींद सो रहा हैं। महामारी के संक्रमण फैलने के दौरान स्वास्थ्य विभाग असोथर कस्बा में एन्टी लार्वा, सेनेटाइजर का छिड़काव भी नहीं कर रहा। इस तरह संक्रमण का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। असोथर के साथ ही कई गांवों तक संक्रमण पहुंच गया है। इस हिसाब से तो यहीं लगता हैं असोथर पीएचसी के डॉक्टर उपेंद्र कुमार को कस्बें में अभी और मौतों का इंतजार हैं, उसके बाद ही इनकी कुम्भकर्णी नींद खुलेंगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ को लापरवाह डॉक्टर की जनसुनवाई से की शिकायत
असोथर मंडल के उपाध्यक्ष गौरव सिंह ने कस्बे में लगातार हो रही मौतों के चलते बढ़ रहे इस संक्रमण के चलते स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह डॉक्टर की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनसुनवाई पोर्टल व फैक्स-मेल भेज कर की हैं। गौरव सिंह का कहना है कि कस्बे में लगातार वायरल फीवर से रहस्यमय तरीके से एक दर्जन से अधिक की मौत दो महीनों में हो गई है। इस तरह लगातार बढ़ रहे संक्रमण से लोग सहमे हुए हैं। सबसे अधिक संक्रमित असोथर कस्बा हैं, एक रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन दर्जनों मरीज व अन्य मिलाकर आधा सैकड़ा से अधिक मरीज कस्बा व आसपास हैं। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में भी बड़ी संख्या में वायरल फीवर, जुखाम, टायफाइड के मरीज हैं। उनका कहना है कि कस्बें में सोमवार एक दिन में ही छह लोगों की मौत से लोग सहम उठे हैं।
कोरोना प्रोटोकाल पालन कराने के लिए पुलिस हो या प्रशासन सभी जोर दे रहे हैं। अब तक पुलिस ने मास्क न लगाने पर हजारों रुपयें से अधिक का जुर्माना लगा चुकी है। इसके लिए तो हर कोई जोर दे रहे हैं लेकिन व्यवस्था बनाने के लिए प्रशासन को गंभीर होना चाहिए। इस कोरोना संक्रमण के दौर में झोलाछाप डॉक्टर्स व मेडिकल स्टोर संचालक तो जान जोखिम में डाल कर लोगों का इलाज कर रहे है। लेकिन गांवों के मरीजों का इलाज करने में लापरवाही हो रही है। इससे लोगों का दर्द बढ़ता जा रहा है। गौरव सिंह का कहना है कि पीएचसी/सीएचसी पर इलाज की व्यवस्था होगी, तभी रोगों से लड़ रहे लोगों को राहत मिलेगी। पंचायत चुनाव के बाद कोरोना का संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है। माना जा रहा है कोरोना संक्रमण/वायरल फीवर के नियंत्रण में बाधा बनने वाले लापरवाह डॉक्टर्स व कर्मचारियों पर कार्रवाई संभव है।