फतेहपुर/संवाद सूत्र
-कोविड-19 ने जनपद में मचा रखा है मौत का कोहराम।
-सुविधा देने में कुछ और तथा जमीनी हकीकत में कुछ और नजर आता है जिला अस्पताल।
-ट्रीटमेंट के नाम पर हर आंकड़े का प्रयोग कर रहे हैं डॉक्टर।
-जनपद में छह विधायक एक सांसद तथा तीन मंत्री होने के बावजूद जिले की जनता परेशान।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां भारत देश व उत्तर प्रदेश की जनता को कोविड-19 जैसी बीमारी के पैर पसारने से भारत देश की जनता कोरोनावायरस जैसी बीमारी से ग्रसित हो रही है। वहीं देश के प्रधानमंत्री व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जनता को हर संभव मदद देने की बात कर रहे हैं। कहीं हद तक उनकी मदद लोगों तक पहुंच भी रहेंगे परंतु जनपद फतेहपुर में 6 विधायक एक सांसद तथा तीन मंत्री होने के बावजूद भी फतेहपुर जनपद की जनता ऑक्सीजन मेडिकल व्यवस्था को लेकर परेशान होती नजर आ रही है कहने को तो सरकारी अस्पताल में सारी सुविधाएं मुहैया कराने की बात कर रहे हैं। परंतु जमीनी हकीकत पर देखा जाए तो जिला अस्पताल में रात में होता है मौत का तांडव जी हां जिला अस्पताल में मरीजों के साथ इलाज के नाम पर की जाती है। खानापूर्ति अभी 2 दिन पूर्व रात्रि में जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर पर मरीज को लिटाने के लिए स्ट्रेचर तक खाली नहीं मिला कई मरीज जमीन पर लेटे हुए नजर आए और ऑक्सीजन ऑक्सीजन के नाम पर मरीज के तीमारदार इधर-उधर भटकते हुए नजर आ रहे हैं जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मरीज को भर्ती तो कर लिया जाता है। परंतु उपचार के लिए आखिरकार उन्हें दिया भी क्या जाए डॉक्टर भी अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों का इलाज करते हैं परंतु हाल यह है कि अस्पतालों के बाहर खुलने वाले मेडिकल स्टोरों में तीमारदारों का जमावड़ा इस तरीके लगा रहता है। मानो जनपद में दवा का अकाल पड़ रहा हो मरीज के तीमारदार डॉक्टरों द्वारा बताई गई हर दवा को लेकर अपने आप को बचाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। परंतु जिला अस्पताल में सुविधा ना होने के कारण मरीज दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। वहीं विश्व सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बहुआ कस्बे में वर्तमान समय में एक भी मेडिकल स्टोर की दुकानों का ना खुलना लोगों के लिए चिंता की लकीरें खींच रहा है। ग्रामीणों ने भी बताया कि एक रुपए की मिलने वाली पेरासिटामोल टेबलेट जरूरतमंदों को 50 रूपये में दी जाती है। किसी भी मेडिकल स्टोर में कोई भी दवा उपलब्ध नहीं ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में भी हाहाकार मचा हुआ।