रायबरेली/संवाद सूत्र
देश व प्रदेश सहित रायबरेली जनपद में भी विगत कुछ दिनों से कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ा है। हाईस्कूल स्तर पर सीबीएसई की परीक्षाएं निरस्त हो गई हैं। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं अपने निर्धारित तिथि 8 मई से आगे बढ़ गई हैं। ऐसे में जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ चंद्रशेखर मालवीय को अपने विभाग के शिक्षकों और कर्मचारियों के प्रति संवेदन सील होना चाहिए। लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक रायबरेली तमाम शिक्षक संगठनों के नवेदन को तानाशाही पूर्ण रवैया से ठुकरा रहे हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक की उदासीनता का परिणाम है कि जिले में तमाम माध्यमिक विद्यालय ऑनलाइन शिक्षण के नाम पर शिक्षकों को बुला रहे हैं। शिक्षक अपने को खतरे में डालकर विद्यालय जा रहे हैं। गोपाल सरस्वती विद्या मंदिर रतापुर स्थित विद्यालय के दो शिक्षकों की मौतें उनकी घोर लापरवाही का ही परिणाम है। यदि जिला विद्यालय निरीक्षक रायबरेली गोपाल सरस्वती विद्या मंदिर के प्रबंध तंत्र और विद्यालय प्रशासन को शक्ति के साथ बंद करवाये होते तो शायद ये दोनों शिक्षक आज हमारे बीच में जीवित होते ।
इसी तरह शिक्षक और कर्मचारी अभी 14 और 15 अप्रैल को जान जोखिम में डालकर चुनाव संपन्न कराकर आए हैं। उन लोगों के भी संक्रमित होने की पूरी संभावना है। यदि वे विद्यालय आकर अन्य शिक्षकों और कर्मचारियों से मिलेंगें तो निश्चित रूप से संक्रमण और बढ़ सकता है। यद्यपि जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ चंद्रशेखर मालवीय थोड़े समय पहले खुद कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं लेकिन उसके बावजूद भी उनके कान में जूं नही रेंग रही है कि वे शिक्षकों को विद्यालय जाने से छूट प्रदान कर दें। इसलिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ चंदेल गुट, शिक्षकों के प्रति निरंकुश, तानाशाही और हठधर्मिता पूर्ण रवैया अपनाने वाले जिला विद्यालय निरीक्षक की घोर निंदा करता है।
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