कानपुर/नि.सं.
लखनऊ-कानपुर मार्ग पर गंगा नदी के पास बने द्वार पर फिर से “भगवान विश्वकर्मा द्वार” अंकित किया जायेगा। ज्ञात हो कि कई दिन से प्रवेश द्वार पर अंकित भगवान विश्वकर्मा द्वार लिखे हुये स्थान पर काला पेन्ट लगा हुआ है। समाचारों और सोशल मीडिया में काला पेन्ट लगाने का समाचार वायरल होने के बाद नगर निगम कानपुर ने सफाई दी है। नगर निगम जोन-2 के प्रभारी अधिकारी अतुल कृष्ण सिंह ने ‘आपकी खबरें’ प्रतिनिधि से बातचीत कहा कि उक्त प्रवेश द्वार पर जो पेन्ट लगा है उसे कानपुर विकास प्राधिकरण ने लगाया है जबकि द्वार का निर्माण नगर निगम द्वारा कराया गया है। श्री सिंह ने कहा कि कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा शहर में सुंदरीकरण का कार्य कराया जा रहा है, जिसके चलते उक्त द्वार की भी रंगाई-पुताई की गई है, हालाकि नगर निगम को पहले से इसकी जानकारी नहीं थी। उन्होंने स्पष्ट किया है कि द्वार पर काला पेन्ट लगा होने की सूचना देर से और विश्वकर्मा समाज के लोगों से मिली है, आज ही उस प्रवेश द्वार पर पुनः नगर निगम द्वारा “भगवान विश्वकर्मा द्वार” अंकित कराया जायेगा। जोन अधिकारी अतुल कृष्ण ने प्रवेश द्वार का नाम बदले जाने की किसी साजिश का खण्डन किया है। उनका कहना है कि जो कार्य नगर निगम को करना चाहिये था उसे केडीए ने कर दिया, निगम को इसकी समय से जानकारी नहीं हो पाई थी। इसी कारण आशंकाओं ने भ्रांतियां पैदा कर दी। भगवान विश्वकर्मा द्वार प्रकरण में कानपुर नगर निगम की महापौर प्रमिला पाण्डेय ने भी अब भगवान विश्वकर्मा द्वार के अस्तित्व को स्वीकार किया है। उन्होंने भी कहा है कि भगवान विश्वकर्मा हम सभी के आराध्य हैं और सभी उनका सम्मान करते हैं। जहां तक द्वार की बात है, कानपुर विकास प्राधिकरण ने सुंदरीकरण के चलते द्वार का रंग-रोगन कर दिया था। द्वार पर लिखावट करने में विलम्ब हुआ है, आज ही उस द्वार पर भगवान विश्वकर्मा द्वार पुनः लिख दिया जायेगा।
भगवान विश्वकर्मा द्वार का मूल स्वरूप
वहीं कल जैसे ही भगवान विश्वकर्मा द्वार पर काला पेन्ट लगा होने की जानकारी विश्वकर्मा समाज के लोगों को हुई सभी आक्रोशित हो उठे। लोगों ने अपने-अपने तरीके से विरोध दर्ज कराना शुरू किया। भाजपा से जुड़े विश्वकर्मा समाज के नेताओं ने भी पार्टी फोरम पर अपनी बात रखा। हरियाणा से भाजपा राज्यसभा सांसद रामचन्द्र जांगड़ा ने भी प्रवेश द्वार प्रकरण का संज्ञान लिया और सम्बन्धित अधिकारियों, पार्टी के पदाधिकारियों तथा विश्वकर्मा समाज के कई प्रबुद्धजनों से बात किया। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो इस प्रकरण पर वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री से भी बात करेंगे।
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