कानपुर/नि.सं.
उन्नाव शहर के निजी अस्पताल में भर्ती उन्नाव के असोहा कांड की पीड़ित किशोरी के बयान मंगलवार दोपहर पुलिस ने दर्ज किए। ये बयान धारा 161 सीआरपीसी के तहत लिए गए हैं। उन्नाव से ही महिला इंस्पेक्टर अपनी टीम के साथ अस्पताल पहुंची और पीड़िता से पूरा घटनाक्रम जाना। इस दौरान उन्होंने आरोपित के बारे में भी पूछताछ की। हालांकि पीड़िता से बयान लेते समय उसके परिवार दूर रखा गया। सूत्रों के मुताबिक किशोरी ने बताया है कि आरोपित लंबू और उसके साथी से उसकी मुलाकात लॉकडाउन के दौरान हुई थी।
किशोरी ने सुनाई पूरी दास्तां
किशोरी के मुताबिक-हम रोज खेत पर चारा काटने जाते थे। पड़ोस में ही लंबू का खेत था, इसीलिए उससे बातचीत भी होती थी। बुधवार को भी चारा काटने जा रहे थे। रास्ते में एक दुकान से नमकीन के पैकेट लिए और खाते हुए खेत पर पहुंचे। करीब एक माह से लंबू अपने एक दोस्त के साथ आने लगा था और उस दिन वहीं पर मौजूद था। एक दिन उसने मोबाइल नंबर मांगा तब फोन नहीं चलाने की बात कही। तब वह बोला था कि हम लव करते हैं। तबसे हमने चारा लेने जाना बंद कर दिया था। कुछ दिन बाद जब हम खेत पहुंचे तो फिर लंबू दिखा और उसने सॉरी कहा और बाद पानी की बोतल दे दी। पानी में नहीं थी जहर की कोई गंध या रंग किशोरी ने बताया कि लंबू ने बोतल में पानी पीने के लिए दिया था। पीते समय उसका स्वाद सही लगा, न कोई रंग बदला था और न ही किसी तरह की गंध थी। लंबू ने वह पानी पास ही लगे नल से भरा था। उस पानी का स्वाद पहले से ही थोड़ा सा खराब था। किशोरी व आसपास के ग्रामीण उस नल का पानी पीते रहते थे। इसलिए उन्हें अहसास नहीं हुआ कि पानी में जहर मिलाया गया है। किशोरी का कहना था कि पहले बहनों ने पानी पिया और फिर हमने। उसके कुछ देर बाद ही हमारा सिर घूमने लगा और हम गिर पड़े। फिर क्या हुआ नहीं मालूम..।
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