लखनऊ/कार्यालय
कैंट में रफी अहमद किदवई मार्ग स्थित रेलवे ऑफिसर्स कॉलोनी में 26 मार्च को हुई रेलवे में डिप्टी चीफ इंजीनियर (मध्य रेलवे चारबाग) पुनीत कुमार के नौकर की हत्या में बड़ा खुलासा हुआ है। नौकर बृजमोहन की हत्या दो करोड़ 47 लाख रुपये के बंटवारे और पहचान छिपाने के लिए हुई थी, जो पुनीत के घर से चोरी हुए थे। पुलिस ने आरोपितों के पास से 70 लाख रुपये बरामद भी कर लिए हैं। खास बात यह कि इंजीनियर पुनीत कुमार ने इन रुपयों की चोरी की कोई रिपोर्ट नहीं लिखाई थी। संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध नीलाब्जा चौधरी के मुताबिक रेलवे इंजीनियर पुनीत कुमार ने घर में दो करोड़ 47 लाख रुपये रखे थे, जिसकी जानकारी बृजमोहन को थी। बृजमोहन ने अपने भांजे फिरोजाबाद के कोलामई मटसैना निवासी बहादुर व उसके साथी अजय, मंजीत व अनिकेत के साथ इन रुपयों की चोरी को अंजाम दिया था। बृजमोहन के सर्वेंट क्वार्टर स्थित कमरे में यह रुपये ले जाए गए जहां बंटवारे के दौरान विवाद हो जाने पर चाकुओं से गोदकर उसकी हत्या कर दी गई और रुपये लेकर अन्य सभी भाग निकले। संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध के मुताबिक एफआइआर में इंजीनियर पुनीत ने चोरी गई रकम का जिक्र नहीं किया था। हालांकि बाद में पूछताछ में पुनीत ने कहा था कि करीब 10 से 15 लाख रुपये और कुछ जेवर चोरी हुए हैं। इंजीनियर के घर में इतना कैश कहां से आया, इसके बारे कार्रवाई के लिए आयकर और रेलवे विभाग को पत्र भेजा जाएगा। पुलिस ने वारदात का राजफाश करते हुए मंजीत, उसकी पत्नी निशा, राधा नगर मैनपुरी निवासी मोहन सिंह और उदयराज को गिरफ्तार किया है। शेष रकम तीन मुख्य आरोपितों बहादुर, अजय और अनिकेत के पास है। उनकी तलाश की जा रही है। मूलरूप से फिरोजाबाद के कोलामऊ महरौना निवासी बृजमोहन पांच साल से पुनीत के यहां काम करता था और उनके यहां सर्वेंट क्वार्टर में रहता था। 26 मार्च को बृजमोहन कमरे में मृत मिला था, उसके हाथ-पैर बंधे थे और इंजीनियर पुनीत के घर का सामान बिखरा था। पुलिस हत्या की एफआइआर दर्ज कर छानबीन कर रही थी।
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