कौशाम्बी,संवाद सूत्र,/
जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति चित्रकूट एवं कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउंडेशन के सहयोग द्वारा जनपद के ब्लॉक कौशाम्बी, बारा, नेवादा और चायल कई पंचायतो मे ग्रामीण स्तर पर, विद्यालय स्तर पर, छोटे छोटे जन समूहों के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक पहुंच बनाकर बाल विवाह, बाल श्रम एवं बाल तस्करी जैसे मुद्दे पर लोगो को जागरूक एवं मानसिक स्तर पर सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। बाल विवाह, बाल श्रम, शोषण, तस्करी जैसी बुराई को दूर करने एवं लोगो जागरूक करने के जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति अपने सहयोगी कार्यकर्ताओ के साथ प्रत्येक दिन बाल विवाह, बाल श्रम एवम बाल तस्करी जैसे संवेदनशील मुद्दों के खिलाफ अभियान के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर जहा पर बाल विवाह, बाल श्रम जैसी घटना अभी भी घट रही हैं लोग ऐसा न करें या न कर पाए के लिए इस कार्यक्रम को प्रतिदिन कई गाँवो मे कई स्थानों पर आयोजित किया जाता हैं।
संस्था के लोगों ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बालक एवम बालिकाओं के बचपन को सुरक्षित करना है। समाज ज्यो ज्यो विकाश की और बढ़ रहा हैं फिर भी समाज मे कई प्रकार की कुप्रथा का चलन अब भी बरकरार हैं। इसका मुख्य कारण अभी समाज मे अशिक्षा, बेरोजगारी जैसी अति संवेदनशील अवयव विद्यमान हैं जिसके चलते ऐसा अभी भी घटित हो रहा हैं। समाज मे ऐसे भी वर्ग हैं जहाँ पर बाल विवाह हो रहे है। कही तो आर्थिक समस्या को कारण बताया जाता हैं तो कही पर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त होना भी एक अहम कारक के रूप में हैं। उस उम्र जहा पर लड़किया न तो शारीरिक तौर और न ही मानसिक स्तर पर परिपक्व हो पाती हैं उस कम उम्र में लडकियों का विवाह कर दिया जाता हैं। इस स्थिति में लड़की का शारिरिक, मानसिक दोनों स्तर पर शोषण होता हैं।अभी भी समाज के कुछ वर्ग में हैं कि परिवार धन होता हैं इसी चक्कर मे बच्चो की संख्या अधिक होने के कारण उनका आर्थिक स्थिति खराब हो जाती हैं इस परिस्थितियों में कही बालको से बाल श्रम करवाया जा रहा हैं। वास्तव में देखा जाए तो हर समस्या घूमकर शिक्षा पर आती हैं यदि हमारा समाज शिक्षित होगा तो इस प्रकार की समस्याओं का बहुत हद तक निवारण हो सकेगा। आज प्रतिदिन की तरह ब्लॉक बारा, नेवादा में कई गाँव में सामुदायिक स्तर पर विवाह न करने या ना करवाने के लिए सामूहिक स्तर पर शपथ दिलाया गया।
इसी क्रम मे जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति, चित्रकूट सहयोगी कार्यकर्त्ता अमित शुक्ल, विपिन पाण्डेय, शैली पटेल एवं सोनी सिंह ने परिवार के लोगो को बताया कि बाल विवाह एक सामाजिक अभिशाप है। यदि ऐसा कही हो रहा हैं तो उस नाबालिग किशोर या किशोरी का उसके बचपन, शिक्षा का हनन एवं शारीरिक एवं मानसिक शोषण हीं होता हैं क्योंकि जिस उम्र मे इनको सही शिक्षा एवं उचित पोषण की आवश्यकता होती है उस उम्र मे विवाह करना कानूनन अपराध हैं। यदि ऐसा हमारे आसपास कही हो रहा तो हम सब 1098 निः शुल्क नबर सूचना दे सकते हैं। इस प्रकार के प्रयास से हम सब किशोर एवम किशोरियों के बचपन को बचा सकते है तथा उनके जीवन को नया आयाम देना का प्रयास कर सकते है। इसके लिए समाज का हर तबके को जागरूक एवं शाशक्त बनाना होगा तब जाकर हम सब इस समाज को बाल विवाह, बाल श्रम एवं बाल तस्करी जैसी कुप्रथा से सुरक्षित कर पाएंगे और साथ मे इस पर अकुश लगा पाएंगे। ये प्रयास हमारा दायित्व हैं इसको ध्यान मे रखना पड़ेगा तब जाकर हम सब अपने समाज के नवनिहालो के बचपन को सुरच्छित कर पाएंगे। जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति एवम कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन का एक मात्र लक्ष्य है कि भारत को बाल विवाह, बाल श्रम एवम बाल तस्करी मुक्त भारत बनाना है।
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January 24, 2024