महगांव,कौशांबी संवाद सूत्र,/
कड़ाके की ठंड से आम जनमानस ठिठुर रहा है। लेकिन प्रशासन की ओर से अलाव के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं मूरतगंज, इमामगंज, महगाव, तेरहमील, काजीपुर, कोइलहा, और पूरामुफ्ती जैसे ख़ास ख़ास चौराहों पर भी प्रशासन द्वारा अलाव नहीं जलवाए गए हैं जबकि इन प्रमुख चौराहा पर लोगो की भीड़ भाड़ रहती है। बीते 15 दिन से कड़ाके की ठंड से लोगो को ठिठुरते हुए इस क्षेत्र में देख कर प्रशासन आंख बंद कर लेती हैं। बीते कई दिनों से आसमान में बादल छाए रहने के कारण धूप नही निकल रही है और हांड कपा देने वाली ठंड अधिक बढ़ गई है। इस कारण इन प्रमुख स्थानों पर लोग ठिठुरते देखे जाते है इस क्षेत्र में कई पुलिस थाने पुलिस चौकी बस स्टॉप टेम्पो अड्डे सहित कई सार्वजनिक स्थान भी है लेकिन सार्वजनिक स्थान पर भी अलाव जलाए जाने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं हो सकी है वहीं लोगो की दिनचर्या भी अस्त रही। शुक्रवार को जहां अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहा तो वही न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। पिछले कई दिनों से सूर्य के दर्शन नही हुए और पूरे दिन हांड कपाने वाली कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड और कोहरे के चलते कानपुर–प्रयागराज जीटी रोड पर वाहनों की रफ्तार भी धीमी हो गई और इस मार्ग पर मूरतगंज से पूरामुफ्ती तक कई मार्केट चौराहे और भीड़ भाड़ वाले स्थान पड़ते हैं इस सभी जगहों पर कही भी अलाव जलाए जाने की कोई व्यवस्था अभी तक नही हो सकी है शासन प्रशासन और स्थानीय प्रशासन की ठंड से राहत और बचाव में अलाव की व्यवस्था हवा हवाई हो गई है। अलाव खाली सरकारी रिकार्ड में जलाए जा रहें हैं। जमीनी हकीकत कुछ और है। सरकारी कार्यालयों में अधिकतर आधिकारी कर्मचारी हीटर लगा कर रखते हैं इस लिए आम जनमानस के दर्द को यह महसूस कहा से करे। चौराहों से लेकर मार्केट तक कही भी नजर दौड़ाइए तो अलाव की आंच धरातल पर नहीं दिख रही है। मूरतगंज, काजीपुर और अन्य स्थानों बाजारों में रोजमर्रा कमाने खाने वाले दुकानदार फेरी वाले ऑटो रिक्सा चालक, राहगीर टायर, रद्दी, पुराने कपड़ों, कबाड़ प्लास्टिक व बोरों बोरी जलाकर ठंड से बचाव कर रहे हैं। लोगो से बात करने पर पता चलता है की इन स्थानों पर कही भी अलाव की व्यवस्था नही की गई खुद ही अपने लिए व्यवस्था करनी पड़ती है। उक्त सभी चौराहों बाजारों कस्बों गावों में हर जगह लोग ठंड से ठिठुरते नज़र आ रहे हैं। रोड किनारे राहगीर, अस्पतालों समेत भीड़भाड़ वाले स्थानों पर भी अलाव की व्यवस्था नही है। लोग रद्दी कबाड़ व टायर जला कर शरीर को गरम करने की कोशिश कर रहे है और प्रशासन को जम कर कोस रहे हैं। वही ग्रामीण क्षेत्रों में तो अलाव के नामो निशान देखने को नहीं मिलेगे लेकिन फिर भी सरकारी नुमाइंदे अलाव जलाए जाने का ढिंढोरा पीट रहे हैं।
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January 24, 2024