प्रयागराज/संवाददाता,
गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर निरंतर बढ़ रहा है। आज रविवार 21 अगस्त की सुबह बाढ़ के अपडेट के अनुसार दोनों नदियों का जलस्तर तो बढ़ रहा है लेकिन बढ़ने की रफ्तार में कमी आई है। गंगा का जलस्तर छतनाग में पिछले 24 घंटे में (कल सुबह आठ बजे से आज सुबह आठ बजे तक) 13 सेमी बढ़ा है। वहीं फाफामऊ में गंगा पांच सेमी बढ़ी है। नैनी में यमुना का जलस्तर 6 सेमी बढ़ा है।
बाढ़ बुलेटिन
रविवार 21 अगस्त की सुबह 8 बजे तक बाढ़ विभाग की ओर से गंगा-यमुना के जलस्तर का बुलेटिन जारी किया गया है। उसके अनुसार-
फाफामऊ-गंगा -82.66 मीटर
छतनाग-गंगा -81.83 मीटर
नैनी-यमुना -82.45 मीटर
गंगा व यमुना का खतरा निशान
सबसे पहले तो आप ये जान लें कि प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का खतरे का निशान कितना है। सिंचाई विभाग के बाढ़ प्रखंड की ओर से दोनों नदियों के खतरे के निशान को निर्धारित किया गया है, क्योंकि इनके आसपास आबादी बसी है। बाढ़ प्रखंड ने प्रयागराज में गंगा व यमुना नदियों के लिए 84.73 मीटर खतरे का निशान तय किया है। खतरे के निशान तक पानी पहुंचने के बाद स्थिति गंभीर हो सकती है। हालांकि अभी गंगा-यमुना खतरे के निशान से नीचे हैं।
शहर के 25 मोहल्ले बाढ़ के पानी से घिरे
गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। दोनों नदियों अब खतरे के निशान की ओर से बढ़ रही हैं। गंगा तो अब लाल निशान के करीब दो मीटर नीचे रह गई हैैं। दोनों नदियों के जल स्तर बढऩे से शहर से 25 मोहल्ले बाढ़ के पानी से दो तरफ से घिर गए हैैं। सैकड़ों मकानों में भी पानी घुस गया है।
नदी तट के 100 गांव बाढ़ से प्रभावित
100 से ज्यादा तटीय गांव भी प्रभावित हैं। इन इलाकों में प्रशासन की ओर से नावें लगा दी गई हैैं। कुछ स्थानों पर स्टीमर की भी व्यवस्था की गई है। उधर, बाढ़ राहत शिविरों में भी लोग पहुंचने लगे हैैं।
बाढ़ प्रभावित मोहल्ले,बाढ़ राहत शिविर संचालित
शहर में छोटा बघाड़ा, राजापुर, नेवादा, गंगा नगर, द्रौपदी घाट, बेली, दारागंज क्षेत्र बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैैं। इन मोहल्लों के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है। काफी संख्या में लोग अपने रिश्तेदारों व दोस्तों तथा अन्य करीबियों के घर पलायन कर गए हैैं। कुछ लोग पहली और दूसरी मंजिल पर शिफ्ट हो गए हैैं। मेंहदौरी, म्योराबाद, शंकरघाट, गोविंदपुर, शिवकुटी, चिल्ला, सादियाबाद, बघाड़ा, ककरहा घाट, सदियापुर, बख्शी मोढ़ा, करैलाबाग, करेहदा क्षेत्र भी बाढ़ के पानी से घिर गए हैैं। इन इलाकों में प्रशासन की ओर से 12 बाढ़ राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैैं।
98 बाढ़ राहत चौकियां सक्रिय
जिले भर में 98 बाढ़ राहत चौकियों को सक्रिय कर निगरानी कराई जा रही हैैं। लोगों को घरों से निकलने के लिए नावें और स्टीमर भी लगाई गई हैैं। मुनादी भी कराई जा रही है कि जो लोग भी बाढ़ के पानी से घिरे हैैं वे नाव से आ जाएं और राहत शिविर में पहुंचे।
क्या कहते हैं बाढ़ खंड के अधिकारी
सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिकारियों का कहना है कि अभी गंगा का जलस्तर और बढ़ेगा। मध्य प्रदेश में केन और बेतवा नदियों से तथा राजस्थान से चंबल नदी के माध्यम से पानी यमुना में आ रहा है। ललितपुर में बेतवा नदी पर स्थित माताटीला बांध तथा यमुना नगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से लगभग पौने दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसी तरह हरिद्वार बैराज, नरोरा बांध व कानपुर बैराज से दो लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है। इससे आशंका है कि गंगा में अभी जल स्तर और बढ़ेगा।
बदरा-सोनौटी में नाव वाले कर रहे वसूली
झूंसी के बदरा-सोनौटी मार्ग पर बाढ़ का पानी भर गया है। इससे कई गांवों का संपर्क कट गया है। जिला प्रशासन की ओर से चार बड़ी नाव लगाई गई हैैं जिससे लोग नि:शुल्क आवागमन कर सकें। आरोप है कि नाव चलाने वाले लोगों से वसूली कर रहे हैैं। यहां नावों से बाइक, साइकिल भी पार कराई जा रही हैैं।
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