प्रयागराज संवाददाता
यूपी विधानसभा चुनाव के महासमर में सियासत के तीर खूब छोड़े जा रहे हैं। बात अगर कौशांबी के अलग-अलग सीट के उम्मीदवारों की करें तो यहां किसी ने खुद को क्षेत्र के लोगों का बेटा बताया तो किसी ने बहू बताकर जनता को रिझाने की कोशिश की लेकिन आपको यह जानकर अचरज होगा कि मतदाताओं को रात-दिन रिझाकर जीतने की जद्दोजहद कर रहे ये मतदाता खुद अपने लिए ही वोट नहीं डाल सके। कौशांबी जनपद में कई उम्मीदवार अपने लिए मतदान नहीं कर सके, क्योंकि वे वोटर कहीं और के हैं और चुनाव दूसरी जगह से लड़ रहे थे। इनमें कोई प्रत्याशी वोटर सूची मे कनपुरिया है तो कोई संगमवासी। यह मामला लोगों के लिए बड़ा ही कौतूहल का बना रहा।
पल्लवी कानपुर तो केशव प्रयागराज के वोटर
कौशांबी जिले में चुनाव की सियासत की शीर्ष पर रहे उम्मीदवार इस जनपद के मतदाता नहीं हैं। अगर हम हाट सीट कही जाने वाली सिराथू विधानसभा की बात करें तो सपा प्रत्याशी पल्लवी पटेल का आशियाना कानपुर में है वह कानपुर में मतदाता हैं। वह समाजवादी पार्टी से अपनी पार्टी अपना दल कमेरावादी का गठबंधन होने के बाद अखिलेश यादव के कहने पर सिराथू सीट से चुनाव मैदान में उतरीं। अपने आपको कौशांबी की बहू बताकर मतदाताओं को रिझाने की प्रयास करती रहीं। दूसरी ओर, सिराथू से भाजपा प्रत्याशी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मूल निवासी भी यहीं के हैं लेकिन अब उनका दूसरा निवास प्रयागराज में है और रविवार को वहीं उन्होंने मतदान किया था।
चायल से पूजा और नागेंद्र भी जनपद के लिए बाहरी
दूसरी तरफ, केशव को चुनौती देने वाली पल्लवी ने कानपुर में अपना मतदान किया। इतना ही नहीं चायल विधानसभा की सपा प्रत्याशी पूजा पाल भी चायल विधानसभा क्षेत्र में निवास नहीं करती हैं। उनका निवास प्रयागराज में शहर पश्चिमी के उमरपुर नीवां में है। यही हाल अपना दल (एस) और भाजपा के संयुक्त प्रत्याशी पूर्व सांसद नागेंद्र सिंह पटेल का भी है। वह भी प्रयागराज से चायल क्षेत्र में चुनाव लड़ने आए हैं। उनका भी यहां के वोटर लिस्ट में नाम नहीं है। इस मायने में मंझनपुर विधानसभा भी अछूता नहीं है। यहां पर कांग्रेस के प्रत्याशी अरुण विद्यार्थी भी अपना मत नहीं डाल सके, क्योंकि वह भी संगमनगरी के वासी हैं।
Related Stories
January 2, 2024
December 2, 2023
November 2, 2023