हुसैनगंज/फतेहपुर,(संवाददाता)/
आज का दिन मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे अहम और पवित्र है आज मोहर्रम की दसवीं तारीख है मोहर्रम की दसवीं तारीख को योम-ए-आशूरा कहा जाता है आशूरा के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग मातम मनाते हैं इसके अलावा आज के दिन ताजिया और जुलूस निकाले जाते हैं। आज कस्बे के मोहल्ला दुर्गा चौराहा से ताजिया व जुलूस निकलकर पीसीपी स्कूल बैक आफॅ बडौदा होते हुए पुरानी बाजार होते हुए कर्बला में समाप्त हुए, जिसमें लोग हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथ शहीद हुए लोगों को याद कर खुद को जख्मी भी करते हैं। कस्बे के ग्राम प्रधान रमेश गुप्ता ने कहा कि ताजिया हजरत इमाम हुसैन की कब्र के प्रतीक के रूप में होता है। मोहर्रम के महीने में ही पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन कर्बला की जंग में शहीद हुए थे, कर्बला की इस लड़ाई में हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथी शहीद हुए थे लड़ाई में इमाम हुसैन और उनके परिवार के छोटे-छोटे बच्चों को भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया था, इसलिए मोहर्रम में सबीले लगाई जाती हैं यानी कि लोगों को पानी पिलाया जाता है।
भूखों को खाना खिलाया जाता है मोहर्रम के दौरान मुस्लिम धर्म के लोग हर तरह के चमक धमक से दूर रहते हैं, इस ताजिया व जुलूस में थानाध्यक्ष अपने दल बल के साथ एवं अन्य थानो से आए पुलिस फोर्स ने सुरक्षा व्यवस्था व देखरेख पूर्ण रूप से किया।