वाराणसी/संवाददाता दो सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से जल स्तर बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार की सुबह आठ बजे तक 72.02 मीटर मापा गया। यदि बढ़ाव ऐसे ही होता रहा तो आगमी दो दिनों में बाढ़ के उच्चतम बिंदु 73.901 मीटर तक जल स्तर पहुंच जाएगा। बनारस की सड़कों पर गाड़ियों की बजाय नावें चलने लगेंगी। गंगा के किनारे बस्तियां डूब गई हैं। अब तक सामनेघाट क्षेत्र में सड़कों पर पानी आ गया है। दशाश्वमेध घाट से गोदौलिया की ओर पानी बढ़ चला है। मणिकर्णिका घाट पर गलियों में पानी भर गया है। नाव से शव घाट तक जा रहे हैं। मंदिर के छत पर शवदाह हो रहा है। कमोवेश ऐसे ही हालात हरिश्चंद्र घाट का भी है। सबसे ऊंची सीढ़ी पर दाह संस्कार किया जा रहा है। सर्वाधिक प्रभावित इलाका गंगा की सहायक नदी वरुणा के किनारे है। पुराना पुल, सरैंया, पुलकोहना, शैलपुत्री, लक्खीघाट, ढेलवरिया, चौकाघाट, हुकुलगंज, वरुणा पुल आदि इलाके में पानी भर गया है। इससे वरुणा नदी से जुड़े नाले भी ऊफान पर हैं। नरोखर नाला का पानी वरुणा नदी से करीब दो किलोमीटर दूर तक इलाके को प्रभावित कर दिया है। सोनातालाब इलाके की गलियों व सड़कों पर नाला का पानी भर गया है। गंगा किनारे पक्के महाल की कई गलियों में अब नावें चलने लगी हैं। बढ़ने का था अनुमान, अब स्थिर होने की ओर गंगा केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी अनुमानित जल बढ़ाव के आकलन पर गौर किया जाए तो अब गंगा के जल स्तर में बढ़ोत्तरी ठहर जाएगी। अनुमान के मुताबिक 11 अगस्त को सुबह आठ बजे तक गंगा का जल स्तर 71.90 मीटर होगा। यदि ऐसा हुआ तो दो दिनों में गंगा का जल स्तर स्थित होने के साथ ही घटाव की ओर रुख कर लेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। तेज रफ्तार से बढ़ाव जारी है। गंगा जल स्तर के प्रमुख बिंदु -चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर -खतरा का निशान 71.262 मीटर -बाढ़ का उच्चतम बिंदु 73.901 मीटर
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October 23, 2023