रायबरेली/संवाद सूत्र
जब तक झांसी अंग्रेजों के अधीन रहेगी, तब तक माथे पर सिंदूर नही लगाऊगीं। यह उद्गार झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की सेना में दुर्गादल की सेनापति वीरांगना झलकारी बाई ने 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान व्यक्त किया था, जब देश अंग्रेजों के अधीन था और देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। इसी बीरांगना झलकारी बाई की आदमकद प्रतिमा शहर के लखनऊ, इलाहाबाद एवं सुल्तानपुर को जाने वाले मार्ग के मध्य सारस होटल के समीप आज से 30 वर्ष पूर्व 90 के दशक में परिषद के प्रयासों से लगी थी। विगत कुछ वर्षों से भारी वाहनों की टक्कर से मूर्ति परिषर की रेलिंग और चबूतरा क्षतिग्रस्त होता रहा है। आज से लगभग कुछ वर्ष पहले 22 नवंबर को आयोजित वीरांगना झलकारी बाई की जयंती के अवसर पर रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा ने मूर्ति के सुंदरीकरण के लिए राजीव गांधी पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट से करार कराया था। लेकिन यह करार हवा हवाई सिद्ध हुआ। पूर्व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष मोहम्मद इलियास ने नगर पालिका के माध्यम से मूर्ति परिसर की रेलिंग और चबूतरे का कुछ सौंदर्यीकरण कराया था। यह सौंदर्यीकरण भी भारी वाहनों की टक्कर को झेल नहीं सका।
इस बार पुनः परिषद के पदाधिकारियों ने वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष पूर्णिमा श्रीवास्तव को समस्या से अवगत कराया तो उन्होंने उसके स्थाई निराकरण की बात कही। इसी बीच जिला कृषि अधिकारी रवि प्रकाश ने मूर्ति का रंग रोगन भी करवाया। परिषद के अध्यक्ष राम सजीवन धीमान और महासचिव गुप्तार वर्मा ने बताया कि परिषद के प्रयासों से सिमहैन्स हॉस्पिटल के सहयोग से मूर्ति के सुंदरीकरण का कार्य किया जाना है। सौंदर्यीकरण के लिए पत्थर की एक खेप आ गई है। शीघ्र ही कार्य प्रारंभ हो जाएगा। बछरावां के पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता राजाराम त्यागी ने कहा कि मूर्ति रायबरेली वासियों के लिए एक गौरव की बात है। झलकारी बाई जाति धर्म से ऊपर उठकर देश की आन बान शान के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। हमारा समाज मूर्ति का सौंदर्यीकरण कराने के लिए सिम हैन्स हॉस्पिटल के प्रति आभार व्यक्त करता है। इस अवसर पर सामाजिक चिंतक एवं झलकारी बाई के अनुयाई सुनील दत्त भी मौजूद रहे।
Related Stories
November 10, 2023
June 4, 2023